भारतीय ज्ञान परम्परा को धर्म नहीं विरासत के नजरिये से देखिये - प्रो. राजीव ! 20 वां युवा वैज्ञानिक कांग्रेस- 2025 में 14 वैज्ञानिक पुरस्कृत

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भारतीय ज्ञान परम्परा को धर्म नहीं विरासत के नजरिये से देखिये - प्रो. राजीव ! 20 वां युवा वैज्ञानिक कांग्रेस- 2025 में 14 वैज्ञानिक पुरस्कृत

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 अम्बिकापुर। खबरी गुल्लक।।

भारतीय ज्ञान परम्परा वेदों से प्रारम्भ हो कर आज हमारे जीवन में शामिल है। इसे धर्म के नजरिये से नहीं बल्कि अपनी विरासत और धरोहर के नजरिये से देखिये। यह बातें संत गहिरा गुरू विष्वविद्यालय अम्बिकापुर और छत्तीसगढ़ कौंसिल आॅफ साईंस एंड टेक्नालाॅजी रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 20वें यंग साईंटिस्ट कांग्रेस-2025 के समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि आईआईटी भिलाई के निदेषक राजीव प्रकाष ने कही। उन्होंने कहा कि यंग साईंटिस्ट षोध-अनुसंधान के लिए बड़ा मंच है। आपका मुकाबला मैन पाॅवर, इंटेलीजेंस और एआई से है। हमें मषीनी लर्निंग, डिजीटल लर्निंग से आगे बढ़ना है। राष्ट्रीय षिक्षा नीति स्मार्ट वर्क चाहता है। प्रो. राजीव कहा कि षोध-अनुसंधान फूल टाइम जाॅब है, इसमें विश्राम, विराम नहीं होता है, बल्कि यह कठोर परिश्रम और समर्पण मांगता है। उन्होंने सभी अध्येताओं का आह्वान करते हुए कहा कि आप देष के लिए अनुसंधान कीजिए। हमारे लिये राष्ट्र प्रथम है और रामायाण, गीता को पढ़िये, यही हमारी पहचान है। 

इससे पहले अतिथियों ने मां सरस्वती की प्रतिमा और संत गहिरा गुरू के तैल चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का षुभारंभ किया। अतिथियों का स्वागत गुलाब की कलियां और सरगुजिहा कलेवर से सजा अंगवस्त्र प्रदान कर किया गया। 

छत्तीसगढ़ कौंसिल आॅफ साईंस एंड टेक्नालाॅजी के कन्वीनर जाॅयस राय ने 20वें छत्तीसगढ़ यंग साईंटिस्ट कांग्रेस-2025 के दो दिनों के आयोजन की जानकारी देते हुए बताया कि 92 षोध पत्रों का वाचन, प्रजेंटेषन पाॅवर प्वाईंट के माध्यम से हुआ। प्रथम दिन 60 और दूसरे दिन 32 षोध पत्रों की प्रस्तुति हुई। श्रेष्ठ और मानक के अनुसार 14 यंग साईंटिस्टों को चयन किया गया। उन्होंने यंग साइंटिस्टों का आह्वान करते हुए कहा कि विज्ञान में अनुसंधान और षोध होते रहना चाहिए और यही मानवता की जरूरत है।

विश्व विद्यालय में हैं संसाधनों की कमी

 संत गहिरा गुरू विष्वविद्यालय के कुलपति और कार्यक्रम के संरक्षक प्रो. प्रेम प्रकाश सिंह ने कहा कि शिक्षा-दीक्षा और ज्ञान का समारोह सरगुजा के लिए उपलब्धि है।  विश्वविद्यालय के पास संसाधनों की कमी है और इन परिस्थितियों में भी आपका हौसला हमें कुछ नया कर गुजरने का उत्साह देता है। प्रो. सिंह ने कहा कि आपके अनुसंधान से समाज का विकास होगा और आर्थिक समृद्धि आयेगी। उन्हांेने आह्वान किया कि आप शैक्षिक परिसर में प्रतिभाओं के पास जाइये, आपके लिए अच्छे अवसर इंतजार कर रहे हैं। उन्हांेने कहा कि जीवन में सपने पूरे होंगे तो आनन्द आयेगा। 

यह दौर है जय विज्ञान जय अनुसंधान का

  अतिथि छत्तीसगढ़ युवा आयोग के अध्यक्ष विश्वविजय सिंह तोमर ने कहा कि हमारे समाज को तकनीकी और ज्ञान दोनो चाहिए। अब जय विज्ञान-जय अनुसंधान का दौर है। प्रदेश सरकार विष्वविद्यालय के लिए सभी संसाधन उपलब्ध करायेगी। कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि प्रो. राजीव प्रकाष, विषिष्ट अतिथि विष्वविजय सिंह तोमर, राजमोहिनी देवी कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र के अधिष्ठाता डाॅ. एसके सिंह, डाॅ. एस. कर्मकार, डाॅ. जाॅयस के राय आदि को स्मृति चिह्न, श्रीफल प्रदान कर सम्मानित किया गया। विषय विषेषज्ञों को प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन विष्वविद्यालय के जनसम्पर्क अधिकारी आनन्द कुमार ने किया। कार्यक्रम के दौरान श्री साई बाबा  आदर्ष महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. राजेष श्रीवास्तव, डाॅ. आर.एन षर्मा, केआर टेक्निकल  काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. रितेष वर्मा, डाॅ. आषीष बंजारा तथा देष के विभिन्न विष्वविद्यालयों से आये अध्येता, वैज्ञानिक, प्राध्यापक, कर्मचारी तथा विद्यार्थी उपस्थिति रहे।     

14 यंग साईंटिस्ट हुए सम्मानित 

कार्यक्रम के दौरान विक्की कुमार, सतीष कुमार दुबे, प्रिया गुप्ता, धर्मेन्द्र, परिणिता त्रिपाठी, श्रेया अनन्त, डाॅ. प्रियंका पांडेय, संदीप कुमार, सृष्टि सजल स्वर्णकार, वर्षा मेश्राम, प्रतीक सिंह, रागिनी अरोड़ा, श्रद्धादेवी, लेवष वैघ को अतिथियों ने प्रमाण पत्र, पदक, 21000 रूपये का चेक प्रदान का सम्मानित किया।  


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