सूरजपुर।(भूपेंद्र राजवाड़े)। सूरजपुर जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भैथाथान में पदस्थ बीएमओ डॉ. उत्तम सिंह की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने शासन द्वारा जारी आदेश का परिपालन आगामी सुनवाई तक स्थगित करने आदेश जारी किया है। सूत्रों के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग के तबादला और पदोन्नति सूची में वरिष्ठता का ख्याल नहीं रखा गया। जूनियर चिकित्सकों को सीनियर चिकित्सकों का अधिकारी बना आदेश जारी कर दिया गया और सीनियर चिकित्सकों को उसी स्वास्थ्य केंद्र में जूनियर डॉक्टर के अधीन पदस्थ कर दिया गया था। याचिकाकर्ता डॉ उत्तम सिंह वर्तमान में ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, भैयाथान, सूरजपुर, सीजी के रूप में कार्यरत है। उनका कहना है कि 21 अगस्त 2024 के आदेश के तहत उन्हें उसी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बाल रोग विशेषज्ञ के कर्तव्यों का पालन करने के लिए कहा गया है और जूनियर चिकित्सक को याचिकाकर्ता के स्थान पर ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी के रूप में तैनात किया गया है। याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता को वर्ष 1996 में नियुक्त किया गया था जबकि जूनियर चिकित्सक को वर्ष 2019 में नियुक्त किया गया था। याचिकाकर्ता से कनिष्ठ होने के कारण जूनियर चिकित्सक को वरिष्ठ अधिकारी के रूप में काम करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। याचिका में एक उदाहरण भी संलग्न कर कहा गया कि यह आदेश राज्य के 1 अगस्त 2011 के परिपत्र के भी विपरीत है। इसी तरह का मुद्दा इस अदालत के सामने आया है और इस अदालत ने आदेश 9 अगस्त 2024 के जरिए याचिकाकर्ता के पक्ष में अंतरिम राहत दी है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने आदेश जारी कर कहा है कि दिनांक 21 अगस्त 2024 का आक्षेपित आदेश का प्रभाव और संचालन सुनवाई की अगली तारीख तक स्थगित रहेगा। विदित हो कि शासन के इस विसंगति पूर्ण आदेश के बाद कई वरिष्ठ चिकित्सकों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। चिकित्सा अधिकारी संघ ने भी शासन के नवीन पदस्थापना और पदोन्नति आदेश को अन्यायपूर्ण बताते हुए आंदोलन की चेतावनी भी दी थी।
बिग ब्रेकिंग: जूनियर चिकित्सक को बनाया अधिकारी.. सीनियर चिकित्सक की याचिका पर हाई कोर्ट ने शासन के आदेश के परिपालन पर आगामी सुनवाई तक लगाई रोक..
सितंबर 02, 2024
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सूरजपुर।(भूपेंद्र राजवाड़े)। सूरजपुर जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भैथाथान में पदस्थ बीएमओ डॉ. उत्तम सिंह की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने शासन द्वारा जारी आदेश का परिपालन आगामी सुनवाई तक स्थगित करने आदेश जारी किया है। सूत्रों के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग के तबादला और पदोन्नति सूची में वरिष्ठता का ख्याल नहीं रखा गया। जूनियर चिकित्सकों को सीनियर चिकित्सकों का अधिकारी बना आदेश जारी कर दिया गया और सीनियर चिकित्सकों को उसी स्वास्थ्य केंद्र में जूनियर डॉक्टर के अधीन पदस्थ कर दिया गया था। याचिकाकर्ता डॉ उत्तम सिंह वर्तमान में ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, भैयाथान, सूरजपुर, सीजी के रूप में कार्यरत है। उनका कहना है कि 21 अगस्त 2024 के आदेश के तहत उन्हें उसी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बाल रोग विशेषज्ञ के कर्तव्यों का पालन करने के लिए कहा गया है और जूनियर चिकित्सक को याचिकाकर्ता के स्थान पर ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी के रूप में तैनात किया गया है। याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता को वर्ष 1996 में नियुक्त किया गया था जबकि जूनियर चिकित्सक को वर्ष 2019 में नियुक्त किया गया था। याचिकाकर्ता से कनिष्ठ होने के कारण जूनियर चिकित्सक को वरिष्ठ अधिकारी के रूप में काम करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। याचिका में एक उदाहरण भी संलग्न कर कहा गया कि यह आदेश राज्य के 1 अगस्त 2011 के परिपत्र के भी विपरीत है। इसी तरह का मुद्दा इस अदालत के सामने आया है और इस अदालत ने आदेश 9 अगस्त 2024 के जरिए याचिकाकर्ता के पक्ष में अंतरिम राहत दी है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने आदेश जारी कर कहा है कि दिनांक 21 अगस्त 2024 का आक्षेपित आदेश का प्रभाव और संचालन सुनवाई की अगली तारीख तक स्थगित रहेगा। विदित हो कि शासन के इस विसंगति पूर्ण आदेश के बाद कई वरिष्ठ चिकित्सकों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। चिकित्सा अधिकारी संघ ने भी शासन के नवीन पदस्थापना और पदोन्नति आदेश को अन्यायपूर्ण बताते हुए आंदोलन की चेतावनी भी दी थी।