यह जानकारी पति के द्वारा दी गई थी, सारे जरूरी दस्तावेज उनके पति ही रखते थे। अविभाजित सरगुजा के समय बलरामपुर जिले का भी राजस्व रिकॉर्ड अंबिकापुर के भू अभिलेख शाखा में रहता था, पति के निधन के बाद जब राजस्व विभाग ने उनके उक्त भूमि को अवैध कब्जा बताते हुए बेदखली का नोटिस जारी करना शुरू किया तो उन्होंने घर पर जरूरी दस्तावेज ढूंढना शुरू किया, दुर्भाग्य से जरूरी दस्तावेज नहीं मिलने पर बलरामपुर जिला के भू अभिलेख शाखा से दस्तावेज की मांग की, जिससे उन्हें अंबिकापुर भेज दिया गया, जब वे अंबिकापुर गए तो वहां से बलरामपुर जिले के सारे दस्तावेज बलरामपुर भेजने की जानकारी दे बैरंग लौटा दिया। इधर sdm के द्वारा जारी किए गए बेदखली आदेश के विरुद्ध उन्होंने कलेक्टर न्यायालय में अपील किया था, जिसकी सुनवाई अभी लंबित है। ऐसी स्थिति में sdm द्वारा आज 6 दिसंबर को किया गया कार्रवाई न सिर्फ अन्यायपूर्ण है बल्कि ऐसे कार्रवाई से जनता का प्रशासन से भरोसा भी खत्म होता है। श्रीमती बाली देवी ने बताया कि आज का नायब तहसीलदार उनकी टीम की के द्वारा उनकी भूमि में लगे अरहर फसल को कटवा कर जेसीबी से निर्माणाधीन घर के पिलींथ को भी डिस्मेंटल कर, बाउंड्री वॉल को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। यह कार्रवाई अन्यायपूर्ण है, राजस्व अमले के द्वारा कलेक्टर न्यायालय में विचाराधीन अपील प्रकरण के निर्णय का इंतजार किया जाना न्याय संगत होता। मगर ऐसा नहीं किया गया। पीड़ित परिवार द्वारा न्याय नहीं मिलने पर इसकी शिकायत राज्यपाल, मुख्यमंत्री और अजजा आयोग से करने की भी बात कही गई है। इस संबंध में एसडीएम , नायब तहसीलदार से संपर्क नहीं हो पाने के कारण उनका पक्ष नहीं लिया जा सका।