प्रधान पाठक ने कहा - मोबाइल मेरी निजी संपत्ति, शिक्षा विभाग द्वारा ऐप डाउनलोड करवा कराया जा रहा काम.. यदि वे साइबर ठगी के शिकार हुए तो जिम्मेदार कौन... डीईओ को सौंपा ज्ञापन, उठाए गंभीर सवाल...!

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प्रधान पाठक ने कहा - मोबाइल मेरी निजी संपत्ति, शिक्षा विभाग द्वारा ऐप डाउनलोड करवा कराया जा रहा काम.. यदि वे साइबर ठगी के शिकार हुए तो जिम्मेदार कौन... डीईओ को सौंपा ज्ञापन, उठाए गंभीर सवाल...!

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खबरी गुल्लक।। 23 सितंबर 2024।। 

छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के विकासखंड साजा के  शासकीय प्राथमिक शाला केछवई के प्रधानपाठक कमलेश सिंह बिसेन ने   जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंप शिक्षकों की निजी संपत्ति मोबाइल पर ऐप डाउनलोड करा विभागीय कार्य कराए जाने पर इसे निजता का उल्लंघन बताते हुए गंभीर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि उन्होंने अपने धन से निजी उपयोग के लिए मोबाइल फोन खरीदा है। इस मोबाइल में फोन पे सहित अन्य निजी जानकारी, तस्वीर होती है। शिक्षा विभाग के द्वारा शासन के आदेश पर आनलाइन कामकाज के लिए मोबाइल पर कई तरह का ऐप डाउनलोड कराया जा रहा है, जिससे सायबर ठगी और गोपनीयता भंग होने की संभावना बढ़ रही है। वे आज से अपने निजी मोबाइल पर विभाग द्वारा बताए गए ऐप में कामकाज नहीं करेंगे, यदि  उन पर किसी भी तरह का दबाव बनाया गया तो वे उच्च न्यायालय जाने के लिए विवश होंगे। दर असल प्रधान पाठक ने मध्यप्रदेश में एक शिक्षक के आनलाइन ठगी का शिकार होने के बाद  उक्त फैसला लिया। बताया जा रहा है कि mp के शिक्षक ने जब ठगी की शिकायत पुलिस से की तो पुलिस ने शिक्षा विभाग के उक्त ऐप को डिलीट करा दिया। 


 प्रधान पाठक कमलेश सिंह बिसेन ने बेमेतरा के जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपे गए ज्ञापन में  छत्तीसगढ़ विधा समीक्षा केन्द्र (VSK APP) द्वारा शिक्षक एवं छात्र उपस्थिती कराने के संबंध में  गंभीर सवाल उठाया है।  उन्होंने ज्ञापन में  उल्लेख किया है कि छ.गः शासन स्कूल जिला विभाग के पत्र क्र. GENS-211 846/2025 SCHOOL EDUCATION SECTION दिनांक 22/09/2023 के आदेशों के परिपालन में बेमेतरा जिला में कार्यरत शिक्षकों को छग विधा समीक्षा केन्द्र (YSK) मोबाइल APP को अपने मोबाइल में डाउनलोड कर, रजिस्ट्रेशन करने एवं प्रतिदिन शिक्षक एवं छात्र उपस्थिती हेतु उपयोग करने का कड़ा आदेश जारी किया गया है। उक्त मोबाइल APP के संबंध में प्रधानपाठक ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि  उक्त मोबाइल APP हमारे निजी मोबाइल में उपयोग किया जाता है, जिसमें हमारी निजी गोपनीय जानकारी बैंक खाते की डिटेल, फोटो, विडि‌यों आदि सुरक्षित रहती है। वर्तमान में साइबर फ्राड और निजता के उल्लंघन की खबर लगातार आती रहती हैं। इस कारण यदि इस APP के कारण मेरे साथ किसी प्रकार की साइबर फ्राड, ठगी या निजता का उल्लंघन हो जाता है तो जवाबदार कौन होगा ?   मेरा मोबाइल मेरा निजी संपत्ति है, जिसे मैंने स्वयं के व्यय पर खरीदा है। इसके मासिक रिचार्ज का भुगतान में स्वयं के व्यय से करता हूँ। मेरी निजी संपत्ति का कैसे उपयोग करना है मैं इसके लिए पूर्ण स्वतंत्र व जवाबदार हूँ। शासन द्वारा मुझे वेतन, भत्तो के अलावा मोबाइल खरीदने, रिचार्ज कराने हेतु अलग से राशि नहीं दिया जाता। इस स्थिती में शासकीय कार्य हेतु मेरी निजी संपत्ति का उपयोग कराया जाना अनुचित है। सेवा नियमावली में भी इसका उल्लेख नहीं है। प्रधान पाठक ने कहा है कि उक्त मोबाइल APP के उपयोग के पूर्व से ही हमारी मोबाइल में अन्य शासकीय कार्य के APP जैसे PM POSHAN APP, निष्ठा APP, UDSSE, ekaSH, ONLINE छात्रवृत्ती, दीक्षा APP आदि डाउनलोड है और काम कर रहे हैं।  उपरोक्त बिंदुओं पर समाधान कारक प्रत्युत्तर प्रदान  करें। उचित समाधान न मिलने की स्थिती में वे मोबाइल APP का उपयोग करने में असमर्थता जताई गई है। प्रधानपाठक ने कहा है कि दबावपुर्वक APP का प्रयोग कराने की स्थिती में  उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत करने को बाध्य होने जिसकी सम्पूर्ण जवाब‌दारी डीईओ एवं विभाग की होंगी।

एक लाख की हुए ठगी का शिकार 

प्रधान पाठक कमलेश सिंह बिसेन ने बताया   कि मध्यप्रदेश में एक शिक्षक शासकीय ऐप के चलते  साइबर अपराधियो के हाथों करीब एक लाख रुपए की ठगी के शिकार हुए हैं। जिसकी शिकायत उनके द्वारा थाने में की गई है। पुलिस अधिकारियों के ऑनलाइन ठगी के लिए शासकीय ऐप को कारण बताया गया है। जिससे मध्यप्रदेश की शिक्षक के द्वारा  शिक्षा विभाग के अधिकारियों से ठगी की रकम दिए जाने की मांग की गई है। 



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