अंबिकापुर। Khabri gullak ।। शहर के कलेक्ट्रेट परिसर स्थित इच्छा पूर्ति दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर में प्लास्टिक कचरा से मुक्ति और पर्यावरण जागरूकता के लिए एक नई पहल की शुरुआत की गई। यह पहल न केवल स्वच्छता का संदेश देती है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। आरोग्य भारती सरगुजा टीम और मंदिर प्रबंधन समिति के सामंजस्य से "अपनी थाली, अपना थैला – धरती को नहीं करेंगे मैला" अभियान के अंतर्गत डिस्पोजल एवं प्लास्टिक मुक्त भंडारा का आयोजन किया गया। इस पहल का उद्देश्य हमारी धरती को प्लास्टिक के जहरीले प्रभाव से बचाना और लोगों को अपने दैनिक जीवन में पर्यावरण-संवेदनशील आदतें अपनाने के लिए प्रेरित करना है। इस मुहिम के तहत आरोग्य थाली मित्र (ATM) दल के सहयोग से प्रत्येक मंगलवार को होने वाले भंडारे में डिस्पोजल और प्लास्टिक का पूर्ण बहिष्कार करने का संकल्प लिया गया। इस बार टीम ने 1000 थालियों एवं गिलासों की व्यवस्था की, जिनका उपयोग श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण करने के लिए किया।
प्रसाद ग्रहण के बाद पांच चरण में सफाई
*पेपर से प्राथमिक सफाई
*डिटर्जेंट वाले पानी में धोना
*साफ ठंडे पानी में भिगोना
*उबलते पानी में जीवाणुमुक्त करना
*थालियों को स्टैंड पर व्यवस्थित करना
सामूहिक प्रयास, सामूहिक संकल्प
भंडारे का शुभारंभ सरगुजा सांसद चिंतामणि महाराज के सौजन्य से सुंदरकांड पाठ के साथ किया गया। इस पहल को सफल बनाने में टीम के सदस्यों, श्रद्धालुओं और आम नागरिकों ने तन-मन-धन से योगदान दिया। खास बात यह रही कि लगभग 3,500 श्रद्धालुओं ने न केवल थाली से प्रसाद ग्रहण किया, बल्कि कुछ श्रद्धालुओं ने सफाई कार्य में श्रमदान भी दिया ।
जनभागीदारी और भविष्य की दिशा
यह अभियान केवल एक दिन तक सीमित नहीं रहेगा। आरोग्य भारती की टीम इसे और व्यवस्थित और विराट स्वरूप में पूरे नगर में फैलाने के लिए प्रतिबद्ध है। जन-जागरूकता अभियान के जरिए लोगों को डिस्पोजल और प्लास्टिक के नुकसान से अवगत कराया जाएगा और अधिक से अधिक नागरिकों को इस मुहिम से जोड़ा जाएगा ताकि सब मिल जुलकर धरती माँ को प्लास्टिक के जहर से मुक्त करने में अपना योगदान दे सकें।