ADD

साक्ष्य ऐसा एकत्रित हो कि न्यायालय में अपराधी को मिल सके सजा... नए कानून में वीडियो साक्ष्य बड़ा प्रमाण - योगेश पटेल..! विवेचकों को भारतीय न्याय , नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम की दी गई जानकारी

0


 अंबिकापुर। खबरी गुल्लक।। 10 अप्रैल 2025।। सरगुजा पुलिस  आज  रक्षित केंद्र अम्बिकापुर के सभाकक्ष मे नवीन क़ानून संहिता के सम्बन्ध में प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन कर जिले के समस्त विवेचको को नवीन क़ानून संहिता की बारीकियों से परिचित कराया गया। कार्यशाला का आयोजन का उद्देश्य विवेचको में नवीन क़ानून संहिता की सभी धाराओं का प्रभावी ज्ञान सहित नवीन क़ानूनो के अंतर्गत विवेचना के दौरान आने वाली परेशानियों को दूर करना था, नवीन क़ानून संहिता में पुलिस के दायित्वों को बढ़ाया गया हैं, प्रत्येक प्रकरणों की वीडियोग्राफी सुनिश्चित की जायगी, जिससे प्रकरणों मे दोषसिद्धि का प्रतिशत बढ़ेगा।

पुलिस अधीक्षक सरगुजा योगेश पटेल द्वारा कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा गया कि नये कानूनों में प्रथम सूचना पत्र दर्ज करने से लेकर जब्ती, आरोपी की गिरफ़्तारी की कार्यवाही मे कई तकनीकी सहायता से विवेचना किया जाना हैं, जैसे जब्ती की सारी प्रक्रियाओं में विडिओ रिकॉर्डिंग किया जाना हैं, जिसमे गवाहों के समक्ष किसी वस्तु को बरामद कर विडिओ रिकॉर्डिंग को न्यायालय के समक्ष पेश किया जा रहा हैं, गवाहों के न्यायालय मे पक्ष द्रोही होने से रोका जा सकेगा, कार्यशाला के दौरान सभी विवेचना से नये कानूनों के विवेचना के दौरान आने वाली परेशानियों को पूछा गया, साथ ही चेक लिस्ट के आधार पर की जाने वाली कार्यवाही के बारे मे भी  अवगत कराया गया। पुलिस अधीक्षक सरगुजा ने  नियमो का पालन कर विवेचना की विश्वस्नीयता कों बढ़ाने के दिशा निर्देश दिए गये, विवेचको को हैस वेल्यू की जानकारी देकर विवेचना के बारीकी तथ्यों की जानकारी प्रदान की गई, किन परिस्थितियों मे किस धारा का उपयोग किया जायगा, इसका ज्ञान सिर्फ पढ़ने और लगातार प्रशिक्षण से ही प्राप्त किया जा सकता हैं, जिस सम्बन्ध मे सभी विवेचको को लगातार प्रशिक्षित किया जा रहा हैं। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक  अमोलक सिंह ढिल्लो ने  कहा कि नवीन क़ानून संहिता दिनांक 01 जुलाई 2024 से पूरे देश मे प्रभावी की गई हैं, नवीन क़ानून संहिता आमनागरिकों कों पारदर्शी एवं त्वरित न्याय व्यवस्था प्रदान करने के साथ ही आपराधिक व्यक्तियों के विरुद्ध कठोरतम कार्यवाही कर पीड़ित कों न्याय दिलाने देश भर मे लागू किया गया हैं, विवेचको को नये क़ानून के अंतर्गत विवेचना करने के दौरान कुछ नई प्रक्रियाओ का पालन करना हैं, आप सभी उक्त प्रक्रियाओ कों सीखे, बेहतर विवेचना करें, सरगुजा पुलिस द्वारा यह प्रशिक्षण कार्यशाला का आगे भी आयोजन किया जाता रहेगा जिससे विवेचक नयी प्रक्रियाओ से अवगत रहेंगे। एडीपीओ अम्बिकापुर श्रुति कांबले ने कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा कि पहले आईपीसी की धारा 354 के अंतर्गत सिर्फ पुरुष ही दोषी हो सकते थे जिन्हे नये क़ानून मे सुधार लाकर जेंडर न्यूट्रल किया गया हैं, नये क़ानून मे मॉब लिंचिंग के अपराध को दण्डनीय बनाया गया है, आतंकवादी कृत्य को परिभाषित एवं दण्डित बनाया गया है, हिट एण्ड रन केस के प्रावधान में बदलाव किया गया है, झपटमारी (स्नेचिंग) को परिभाषित कर दंडनीय बनाया गया है, भारत में होने वाले अपराधों के लिए भारत से बाहर किये गये दुष्प्रेरण को भी दण्डनीय बनाया गया है, दस्तावेज की परिभाषा में इलेक्ट्रॉनिक एवं डिजिटल रिकार्ड को शामिल किया गया हैं, महिला और बालक के विरूद्ध अपराधों से सम्बन्धित एक नया अध्याय जोड़ा गया है प्रवंचना पूर्ण साधनो या विवाह का वचन देकर उसे पूरा किये बिना मैथुन किये जाने का अपराध जो बलात्संग की श्रेणी में न आता हो, को दण्डनीय बनाया गया है, दण्ड के रूप में सामुदायिक सेवा का भी प्रावधान किया गया है, चोरी की विषय वस्तु अब मूर्त एवं अमूर्त दोनो प्रकार की चल सम्पत्तियों हो सकती है। कार्यशाला में रक्षित निरीक्षक तृप्ति सिंह राजपूत, थाना प्रभारी उदयपुर कुमारी चंद्राकर, थाना प्रभारी दरिमा निरीक्षक शशिकान्त सिन्हा,उप निरीक्षक (एम) अभय सिंह, सहायक उप निरीक्षक सुभाष ठाकुर, सहित विभिन्न थाना चौकियो मे पदस्थ विवेचक एवं वरिष्ठ आरक्षक उपस्थित रहे।

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)