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गड़बड़झाला : राजस्व अमले ने अवैध इमारती लोड ट्रैक्टर कर दिया सरपंच के सुपुर्द...! गजाधरपुर में अनोखा कार्रवाई..। सूरजपुर जिले में पड़ोसी प्रांत बिहार झारखंड के नील गिरी तस्कर सक्रिय... इनकी नाक के नीचे हो रहा यह काला धंधा..

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अंबिकापुर/ सूरजपुर ।। 23 अप्रैल 2025।। ( खबरी गुल्लक सूरजपुर जिला प्रतिनिधि - भूपेंद्र राजवाड़े)।  

छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में इन दिनों इमारती तस्कर सक्रिय हैं और वन अमला, प्रशासन के नाक के नीचे नील गिरी वृक्षों की अवैध कटाई कर पड़ोसी प्रांत बिहार, झारखंड में तस्करी हो रही है। आश्चर्य की बात यह है कि इस तरह के सूचना पर राजस्व विभाग की टीम मौके पर पहुंचती है, इमारती लोड ट्रैक्टर जब्त करने के बाद वन अथवा पुलिस विभाग को सुपुर्द करने के बजाए सरपंच को सौंप दिया जा रहा है। ताजा मामला सूरजपुर जिला मुख्यालय से लगे ग्राम पंचायत गजाधरपुर का है। जानकारी के अनुसार ग्राम गजाधरपुर में नील गिरी पेड़ की अवैध कटाई की सूचना पर आज बुधवार को राजस्व निरीक्षक और पटवारी लटोरी मौके पर पहुंचते हैं। जांच में यह पाया जाता है कि इस गांव के सोमार साय नामक ग्रामीण की राजस्व भूमि पर लगे नील गिरी पेड़ की कटाई की जा रही है, पूछताछ में वैध अनुमति नहीं मिली, कोई दस्तावेज नहीं दिखा सके। पेड़ के मोटे तने को ट्रैक्टर पर लोड कर परिवहन की तैयारी थी, मगर राजस्व अमले को देखकर ट्रैक्टर चालक वाहन छोड़ भाग निकला। इसके पश्चात राजस्व अमले के द्वारा ट्रैक्टर में प्राप्त अवैध  लकड़ी को ट्रैक्टर सहित जब्त कर लिया गया और  गजाधरपुर सरपंच को सुपुर्द कर दिया गया है। मामले पर नियमानुसार अग्रिम कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। 

सरपंच कैसे करेगा निगरानी 

नीलगिरी की लकड़ी से भरी ट्रैक्टर को जब्त करने के बाद राजस्व अमले के द्वारा सरपंच के सुपुर्द कर दिया गया। अब सरपंच के सामने बड़ी समस्या निर्मित हो गई है। पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि जब्त इमारती लोड ट्रैक्टर को वन विभाग अथवा थाना को सुपुर्द करना चाहिए था, मगर किस मंशा से सरपंच के सुपुर्द किया गया यह बड़ा सवाल है। सरपंच बगैर सुरक्षा अमला इस इमारती लोड ट्रैक्टर को कैसे सुरक्षित रख पाएगा। यदि सरपंच की अभिरक्षा से इसकी चोरी हो जाए तो जिम्मेदार कौन होगा। संसाधन विहीन सरपंच या राजस्व निरीक्षक, पटवारी।  

वन विभाग को परवाह नहीं 

सूरजपुर जिले में इन दिनों नील गिरी वृक्षों की कटाई कर तस्करी जोरो से चल रही है। ग्रामीणों का कहना है कि पड़ोसी प्रांत बिहार झारखंड क्षेत्र के एक वर्ग विशेष का बड़ा गिरोह सक्रिय है। जिनके द्वारा कथित तौर पर स्थानीय वन अमले की मिली  भगत से इन पेड़ों की कटाई और परिवहन हो रही है। इनके द्वारा पेड़ो की कटाई के लिए वैध अनुमति तक नहीं ली जाती है। बताया जाता है कि जब कोई पत्रकार इनकी इस गोरखधंधे का विरोध करते हुए पूछताछ करते हैं तो उन्हें 10 से 15 हजार रुपए का प्रलोभन देने तक से नहीं चूकते हैं। 

होगी निष्पक्ष जांच और कार्रवाई - एस जयवर्धने (कलेक्टर)

इस संबंध में सूरजपुर कलेक्टर एस जयवर्धने ने खबरी गुल्लक के संचालक विकास बारी से चर्चा करते हुए बताया  कि इस मामले की जांच कराई जाएगी और जांच में आए तथ्यों के अनुरूप कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने भी सरपंच को जब्त इमारती लोड ट्रैक्टर सुपुर्द किए जाने पर आश्चर्य जताते हुए कहा है कि इसकी निष्पक्ष जांच होगी। 


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