राजस्व मंडल ने आवेदन किया निरस्त.. जालसाजों ने कूट रचना से अपने पक्ष में बना लिया फर्जी आदेश... शासकीय भूमि अपने नाम पर दर्ज कराने पहुंचे तहसील तो जांच में फूटा भांडा... कलेक्टर के भी फर्जी सील से बनाया गया आदेश.. 5 लोगो पर fir के निर्देश.. पढ़ें कैसे हुआ खेल

राजस्व मंडल ने आवेदन किया निरस्त.. जालसाजों ने कूट रचना से अपने पक्ष में बना लिया फर्जी आदेश... शासकीय भूमि अपने नाम पर दर्ज कराने पहुंचे तहसील तो जांच में फूटा भांडा... कलेक्टर के भी फर्जी सील से बनाया गया आदेश.. 5 लोगो पर fir के निर्देश.. पढ़ें कैसे हुआ खेल

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अंबिकापुर। शासकीय भूमि में अपना नाम दर्ज कराने का आवेदन राजस्व मंडल द्वारा खारिज किए जाने के बाद जालसाजों ने  राजस्व मंडल के नाम से फर्जी आदेश अपने पक्ष में बना लिया और तहसील कार्यालय अंबिकापुर में पहुंच यह दावा किया कि इन्होंने जिस दिन राजस्व मंडल में आवेदन लगाया उसी दिन राजस्व मंडल के द्वारा उनके पक्ष में आदेश पारित कर दिया है, आवेदन तिथि को ही निर्णय के दावे पर तहसीलदार ने जब कलेक्टर को अवगत कराया और उनके निर्देश पर आदेश के तथ्यों की राजस्व मंडल में जाकर पड़ताल की और जो सच्चाई सामने आई उसे जानकर कलेक्टर भी चौंक गए। शासकीय भूमि अपने नाम पर दर्ज कराने फर्जी आदेश प्रस्तुत करने वालो के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। शासकीय भूमि  को लेकर सरगुजा जिले में फर्जीवाड़े का इस तरह का यह पहला मामला है। राजस्व मंडल से प्राप्त दस्तावेज में सभी आवेदन निरस्त करने का उल्लेख था, जबकि जालसाजों ने उस आदेश में कूट रचना कर अपने पक्ष का निर्णय बना, उनके नाम पर जमीन दर्ज कराने का उल्लेख कर दिया था और तहसीलदार सहित प्रशासन को यह फर्जी आदेश संलग्न कर अपने नाम पर मणिपुर, नवागढ़ की भूमि दर्ज कराने आवेदन दिए थे। अलग अलग स्थानों के 11 डिसमिल, 15 डिसमिल, 30 डिसमिल, 75 डिसमिल को फर्जी तरीके से हथियाने यह साजिश रची गई। 

इनके खिलाफ होगा एफआईआर दर्ज 

 तहसीलदार अंबिकापुर के समक्ष आवेदक अशोक अग्रवाल निवासी राजपुर, बलरामपुर, आवेदक घनश्याम अग्रवाल निवासी प्रेमनगर, सूरजपुर, आवेदक फारूख निवासी मणिपुर, अंबिकापुर और आवेदक जैनुल हसन फिरदोसी निवासी नवागढ़, अंबिकापुर शामिल है। इसी तरह नायब तहसीलदार अंबिकापुर - 2 के समक्ष आवेदक बसीरुद्दीन सिदिकी निवासी मानिक प्रकाशपुर का प्रकरण शामिल है। सभी प्रकरणों में राजस्व मंडल द्वारा संबंधितों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। 

समय सीमा की बैठक में कलेक्टर ने दिए थे निर्देश

कलेक्टर विलास भोसकर ने समय सीमा की बैठक में राजस्व अधिकारियों को सतर्क रहकर न्यायालयीन कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे। इसी कड़ी में गत दिवस कलेक्टर ने विभिन्न प्रकरणों में आवेदकों द्वारा राजस्व मंडल के आदेशों में कूटरचना किए जाने की जानकारी दी है। कलेक्टर द्वारा तहसीलदार अंबिकापुर उमेश बाज और नायब तहसीलदार अंबिकापुर -2 को पत्र जारी कर इन सभी प्रकरणों में एफआईआर कराने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर सरगुजा द्वारा जारी पत्र में बताया गया है कि राजस्व मंडल छग बिलासपुर को आवेदकों द्वारा प्रस्तुत कूटराचित आदेशों की प्रमाणिकता जांचने प्रेषित किया गया था जिसकी जांच मंडल द्वारा की गई है। जांच उपरांत जानकारी प्राप्त हुई कि आवेदक द्वारा प्रस्तुत आदेशों तथा इस न्यायालय द्वारा पारित आदेशों में भिन्नता स्पष्ट रूप से पाई गई है, जिससे स्पष्ट है कि आवेदक द्वारा राजस्व मंडल छग बिलासपुर के आदेशों में कूटरचना कर प्रस्तुत किया गया है, जो गंभीर आपराधिक कृत्य है।

कलेक्टर, तहसीलदार,एसडीएम का लगाया फर्जी सील

तहसीलदार अंबिकापुर उमेश बाज ने बताया कि संबंधित लोगों में से कुछ लोगो के द्वारा कलेक्टर, एसडीएम ,तहसीलदार कार्यालय का फर्जी सील लगा कुटरचित दस्तावेज तैयार करते हुए यह इन कार्यालयों का फर्जी आदेश भी बना लिया था, जिसमें यह कहा गया था कि उनका प्रकरण निरस्त कर दिया गया है, इन फर्जी आदेश, गलत तथ्य हाई कोर्ट में प्रस्तुत कर अपने पक्ष में आदेश भी प्राप्त कर लिया है, इस खुलासे से इस बात की संभावना बढ़ गई है कि इसके पूर्व भी इस तरह का खोरखधंधा हुआ हो। 

इसलिए हुआ संदेह 

तहसीलदार अंबिकापुर उमेश बाज ने बताया कि संबंधित लोगों के द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों में यह कहा गया था कि राजस्व मंडल के द्वारा आवेदन प्रस्तुत करने की तिथि को ही उनके पक्ष में निर्णय दे दिया गया था। जबकि ऐसे प्रकरण में राजस्व मंडल के द्वारा तहसील कार्यालय से केस मंगाया जाता है, जिसके एक दिन में राजस्व मंडल द्वारा निर्णय नहीं दिया जा सकता था। इन सब बातों से प्रस्तुत सारे दस्तावेज संदेह के दायरे में आए और कलेक्टर को अवगत कराया गया, कलेक्टर के निर्देश पर जब जांच की गई तो संदेह सही साबित हुआ। 

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