कोरोना ने छीन लिया पति और मौत के कुआं का स्टंट... बेरोजगारी से गरीबी का देखी दंश.. लिवर कैंसर से जब मौत को समीप आते देखी तो बबिता ने... लांघ दी सीमाएं, सीएम विष्णुदेव साय से मदद मांगने मंच के पास लगाने लगी गुहार ...फिर...

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कोरोना ने छीन लिया पति और मौत के कुआं का स्टंट... बेरोजगारी से गरीबी का देखी दंश.. लिवर कैंसर से जब मौत को समीप आते देखी तो बबिता ने... लांघ दी सीमाएं, सीएम विष्णुदेव साय से मदद मांगने मंच के पास लगाने लगी गुहार ...फिर...

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 अंबिकापुर। कभी सम्राट सर्कस और मौत का कुआं में जान की बाजी लगा बाइक,  कार का स्टंट दिखाने वाली 
बबिता अंजली कोर अब लिवर कैंसर से पीड़ित हो गरीबी के चलते इलाज के लिए दर- दर की ठोकरें खाते हुए आज 9 दिसंबर 2024 को संभाग मुख्यालय अंबिकापुर में मुख्यमंत्री के समक्ष गुहार लगाने सुरक्षा घेरा तोड़ पहुंच गई। कार्यक्रम के बीच अचानक हुए इस घटना से पुलिस कर्मियों में भी हड़कंप मच गया और महिला को सख्ती के साथ पकड़ बाहर ले जाने लगे...  मगर तभी प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पुलिस कर्मियों को रोक महिला को पास बुलाया, समस्या सुनी और तत्काल प्रशासन को निर्देश देते हुए एंबुलेंस से मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय अंबिकापुर में भर्ती कराया। दरअसल उड़ीसा के राउरकेला निवासी बबिता अंजली कोर अपने पति के साथ सर्कस और मौत का कुआं में बाइक, कार का स्टंट दिखाती थी। महिला के मुताबिक कोरोना कॉल में उनके पति की मौत हो चुकी है, दुर्भाग्य से कोरोना ने सर्कस और मौत का कुआं बंद करा उनके जीविकोपार्जन का सहारा भी छीन लिया। उनके 2 बच्चे हैं। बबिता के मुताबिक वह लिवर कैंसर से जुझ रही है। उड़ीसा में आयुष्मान कार्य का लाभ नहीं मिलने के कारण वह निःशुल्क इलाज नहीं करा पाई, गरीबी के चलते वह अपनी जान बचाने इलाज करा पाने में अक्षम है। जिससे वह सरगुजा आ गई। उन्होंने बताया कि जब वह स्वस्थ थी तब अंबिकापुर में भी मेला में मौत का कुआं में बाइक चलाती थी, जिससे वह अंबिकापुर शहर से परिचित थी। वह पुत्र के साथ पिछले 3 माह से अंबिकापुर में इलाज के लिए भटक रही है, वह जिला अस्पताल में भर्ती हुई थी,मगर 3 दिन में उसे अधूरे इलाज से ही छुट्टी दे दी गई थी, जिससे वह काफी मायूस हुई, वह अंबिकापुर में कलेक्टर के जनदर्शन में भी इलाज के लिए मदद की गुहार लगा चुकी है। पूर्व में वह मनेंद्रगढ़ भी गई थी, जहां स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की पहल पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था मगर वहां के अस्पताल से भी उन्हें भगा दिया गया था, यही वजह है कि आज उन्हें सीएम से मिलने सुरक्षा घेरा तोड़ने और हंगामा करने के लिए मजबूर होना पड़ा ताकि मुख्यमंत्री जी की नजर मुझपर पड़े और जीवन के लिए कोई सार्थक पहल हो सके। आज सीएम के कार्यक्रम के दौरान  हुए इस घटना को कोई हाई वोल्टेज ड्रामा की संज्ञा दे रहा था तो कोई महज  हंगामा बता महिला का उपहास उड़ा रहा था, मगर मानवीय संवेदनाओं को समझते हुए मुख्यमंत्री ने न सिर्फ महिला की पीड़ा और मजबूरी को समझा बल्कि समुचित इलाज के भी निर्देश दिए। 

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