वन विभाग के बेदखली नोटिस के खिलाफ सपनादर के कब्जाधारियों ने भाजपा के क्षेत्रीय संगठन मंत्री से लगाई गुहार... सुनवाई कर वर्षों से लंबित वन भूमि पट्टा दे सरकार

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वन विभाग के बेदखली नोटिस के खिलाफ सपनादर के कब्जाधारियों ने भाजपा के क्षेत्रीय संगठन मंत्री से लगाई गुहार... सुनवाई कर वर्षों से लंबित वन भूमि पट्टा दे सरकार

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 खबरी गुल्लक रिपोर्टर ।। मैनपाट। (महेश यादव)। ।

वन विभाग के द्वारा मैनपाट के सपनदर निवासी दस कब्जाधारियों को बेदखली की नोटिस जारी किए जाने से कब्जाधारियों के द्वारा भाजपा के क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल को ज्ञापन सौंप कर उन्हें बेदखली से रोकने और काबिज भूमि का वन भूमि पट्टा दिलाए जाने की मांग की गई है। ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि ग्राम सपनादर में यादव समाज के पूर्वज 125 से 130 वर्ष पूर्व आकर बसे थे जहां वे गौपालन करते हुए जीविकोपार्जन कर रहे हैं। पूर्वजों के द्वारा वन भूमि के कुछ अंश में भी गौपालन किया जा रहा था जहां उनके द्वारा मडई बनाया गया है। पूर्व में बाक्साइड खनन के लिए बालको माइनिंग के द्वारा उक्त भूमि को लीज पर लिया गया था, मगर वन और राजस्व के सीमा विवाद के चलते उक्त भूमि पर बॉक्साइड खनन शुरू नहीं हो पाया था। कब्जाधारियों के द्वारा करीब 25 वर्ष पूर्व वन भूमि पट्टा के लिए आवेदन दिया गया था। ज्ञापन सौंपने वालों में रूपनारायण यादव, कतवारू राम, जगदीश, देवधारी आदि शामिल थे।

यह है मामला 

सरगुजा के विकासखंड मैनपाट के ग्राम पंचायत सपनादर स्थित संरक्षित वन क्षेत्र में अवैध रूप से बसे दस कब्जाधारियों को वन विभाग के द्वारा बेदखली की नोटिस जारी किए जाने से अतिक्रमणकारियों  में  हड़कंप हैं। वनमंडलाधिकारी सरगुजा के द्वारा कमलेश्वरपुर वन खंड के वन संरक्षित क्षेत्र सपनादर में झोपड़ी और खप्परपोश मकान बना निवास करने वाले लोगों को यह नोटिस जारी किया गया है। वन अधिकारियों का कहना है कि कब्जाधारियों को उनकी काबिज भूमि के संबंध में दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए समय दिया गया था। यह अवधि बीत जाने के बावजूद कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाया है। जिससे बेदखली की नोटिस जारी की गई है। वहीं कब्जाधारियों का कहना है कि उनका वन भूमि पट्टा का आवेदन 35 वर्ष से लंबित है,जिसपर सुनवाई करते हुए उन्हें पट्टा दिया जाना चाहिए। 





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