राष्ट्रीय लोक अदालत में समझौते से हुआ मामलों का निराकरण, एक ही परिवार के 5 सदस्यों की मौत होने के प्रकरण में मिला 57 लाख का मुआवजा

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राष्ट्रीय लोक अदालत में समझौते से हुआ मामलों का निराकरण, एक ही परिवार के 5 सदस्यों की मौत होने के प्रकरण में मिला 57 लाख का मुआवजा

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 अंबिकापुर। खबरी गुल्लक।। 14 सितंबर 2025।।

राष्ट्र विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर  के निर्देशानुसार व प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सरगुजा श्री केएल चरयाणी के मार्गदर्शन में शनिवार को  जिला एवं सत्र न्यायालय  अंबिकापुर सहित समस्त न्यायालयों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। विशेष लोक अदालत में बड़ी संख्या में लंबित व प्री-लिटिगेशन प्रकरणों का आपसी समझौते एवं राजीनामा के आधार पर निराकरण किया गया। 

  • साढ़े तीन हजार से अधिक लंबित प्रकरणों का निपटारा अंबिकापुर एवं सीतापुर न्यायालय में किया गया।
  • 13316 प्रकरणों का निराकरण राजस्व न्यायालयों में संपन्न हुआ।
  • किशोर न्याय बोर्ड के  95 व कुटुंब न्यायालय के 25 प्रकरण भी राजी नामा से सुलझाए गए । 
  • वहीं लाखों प्री-लिटिगेशन मामलों में पक्षकारों के बीच समझौता हुआ।

सड़क दुर्घटना का बड़ा प्रकरण सुलझा

लोक अदालत की सबसे चर्चित उपलब्धि एक सड़क दुर्घटना से जुड़ा मुआवजा प्रकरण रहा, जिसे खंडपीठ क्रमांक-1  प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री केएल चरयाणी द्वारा सुना गया। 

मामला दिनांक 02 फरवरी 2025 का है, जब क्रेटा कार में सवार होकर प्रयागराज कुम्भ यात्रा पर जा रहे एक ही परिवार के सदस्य —

  • गोदावरी मिश्रा,
  • अथर्व मिश्रा,
  • प्रियंका मिश्रा,
  • रविप्रकाश मिश्रा,
  • दिपांशु मिश्रा एवं
  • परिवार की सहायिका दुर्गा प्रजापति,

हादसे का शिकार हो गए। घटना ग्राम हाथीनाला, रानीताली मेन रोड, थाना हाथीनाला, जिला सोनभद्र (उ.प्र.) में हुई थी, जहाँ सामने से आ रहे ट्रेलर ने तेज रफ्तार और लापरवाहीपूर्वक वाहन चलाते हुए क्रेटा कार को टक्कर मार दी।दुर्घटना में कार सवार सभी लोगों को गंभीर चोटें आईं और मौके पर ही गोदावरी मिश्रा, अथर्व मिश्रा, प्रियंका मिश्रा, रविप्रकाश मिश्रा एवं दुर्गा प्रजापति की मौत हो गई।परिजनों द्वारा मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण मोटरयान अधिनियम, 1988 की धारा 166 के तहत दायर किया गया था। इस पर बीमा कंपनी न्यू इंडिया इंश्योरेंस लिमिटेड सहित अन्य प्रतिवादियों को पक्षकार बनाया गया।

57 लाख में हुआ समझौता

उपरोक्त  मामला नेशनल लोक अदालत के दौरान आवेदकगण एवं बीमा कंपनी के बीच खंड पीठ क्रमांक एक  पीठासीन अधिकारी श्री केएल चरयाणी, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंबिकापुर सरगुजा, अधिवक्ता सदस्य राष्ट्र रंजन मलतियार और एवं शिला साहू के समक्ष कुल 57 लाख रुपये (संतावन लाख) पर राजीनामा किया गया। उल्लेखनीय है कि यह समझौता केवल 5 माह के भीतर संभव हो सका, जबकि सामान्य परिस्थितियों में ऐसे मामले वर्षों तक लंबित रहते हैं। 

पक्षकारों में संतोष

कम समय में मामले का निपटारा होने से मृतकों के परिजनों ने राहत की सांस ली। लोक अदालत की इस पहल से न केवल न्याय त्वरित मिला बल्कि पक्षकारों में भी संतुष्टि देखने को मिली।

लोक अदालत की महत्ता

नेशनल लोक अदालत के इस आयोजन से यह स्पष्ट हुआ कि समझौते के आधार पर विवादों का समाधान तेज, सरल और कम खर्चीला होता है। न्यायालयों पर बोझ भी कम होता है और आम जनता को शीघ्र न्याय मिलता है। इस तरह अंबिकापुर में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत ने एक बार फिर यह साबित किया कि "सुलह ही सबसे अच्छा समाधान है। 

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