अम्बिकापुर, 7 अक्टूबर 2025।
जिले के खाद्य विभाग ने जनकल्याण खाद्य सुरक्षा पोषण एवं उपभोक्ता सेवा सहकारी समिति, घुटरापारा के माध्यम से संचालित तीन शासकीय उचित मूल्य दुकानों में बड़े पैमाने पर अनियमितता और खाद्यान्न गबन का खुलासा किया है। प्रारंभिक जांच में लगभग 64 लाख 94 हजार 120 रुपये 67 पैसे मूल्य के खाद्यान्न की कमी पाई गई है। इस संबंध में खाद्य निरीक्षक शिव कुमार मिश्रा की शिकायत पर कोतवाली थाना अम्बिकापुर में मामला दर्ज किया गया है। खाद्य निरीक्षक शिव कुमार मिश्रा ने थाना कोतवाली में उपस्थित होकर एक लिखित आवेदन दिया। आवेदन में उन्होंने बताया कि दिनांक 11 सितंबर 2025 को खाद्य शाखा अम्बिकापुर के आदेश के पालन में सहायक खाद्य अधिकारी (ग्रामीण) के साथ मिलकर तीन उचित मूल्य दुकानों की जांच की गई।इन तीनों दुकानें जनकल्याण खाद्य सुरक्षा पोषण एवं उपभोक्ता सेवा सहकारी समिति, घुटरापारा के माध्यम से संचालित हैं। जांच में सितंबर 2022 से 31 मार्च 2024 तक की अवधि के भौतिक सत्यापन के दौरान भारी मात्रा में खाद्यान्न की कमी सामने आई।
जांच में सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े
भौतिक सत्यापन के दौरान पाई गई कमी निम्नानुसार है —
- चावल: 1631.29 क्विंटल की कमी, कुल मूल्य ₹61,62,267.96
- शक्कर: 10.43 क्विंटल की कमी, कुल मूल्य ₹49,160.62
- चना: 48.34 क्विंटल की कमी, कुल मूल्य ₹2,92,692.09
इस प्रकार कुल मिलाकर सभी मदों में ₹64,94,120.67 के खाद्यान्न का अभाव पाया गया।
तीन दुकानों में पाई गई अनियमितता
खाद्य निरीक्षक द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार, तीनों दुकानों का संचालन एक ही समिति — जनकल्याण खाद्य सुरक्षा पोषण एवं उपभोक्ता सेवा सहकारी समिति, घुटरापारा — के माध्यम से किया जा रहा था। जांच में इन दुकानों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सहायक विक्रेताओं की जिम्मेदारी तय की गई है।
1. दुकान क्रमांक 391001029
- संचालन एजेंसी: जनकल्याण खाद्य सुरक्षा पोषण एवं उपभोक्ता सेवा सहकारी समिति
- अध्यक्ष: पवन सिंह, पिता स्व. दीपनारायण, निवासी – घुटरापारा, अम्बिकापुर
- उपाध्यक्ष: सुनिता पैकरा, पत्नी गणेश पैकरा, निवासी – घुटरापारा, अम्बिकापुर
- सहायक विक्रेता: फरहान सिद्दीकी, पिता अब्दुल राज, निवासी – सदर रोड, अम्बिकापुर
2. दुकान क्रमांक 391001054
- अध्यक्ष: पवन सिंह
- उपाध्यक्ष: सुनिता पैकरा
- सहायक विक्रेता: प्रिंस जायसवाल, पिता अरुण जायसवाल, निवासी – बौरीपारा, अम्बिकापुर
3. दुकान क्रमांक 391001071
- अध्यक्ष: पवन सिंह
- उपाध्यक्ष: सुनिता पैकरा
- सहायक विक्रेता: सैफ अली, पिता अवाद अली, निवासी – घुटरापारा, अम्बिकापुर
- सहायक विक्रेता: मुकेश यादव, पिता पुरेन्दर यादव, निवासी – घुटरापारा, अम्बिकापुर
- सहायक विक्रेता: प्रिंस जायसवाल, पिता अरुण जायसवाल, निवासी – बौरीपारा, अम्बिकापुर
खाद्य निरीक्षक मिश्रा ने अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया कि उक्त दुकानों के संचालकों का कृत्य छत्तीसगढ़ सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश, 2016 की निम्नलिखित कंडिकाओं का उल्लंघन है —
- कंडिका 5(1)
- कंडिका 11(5)
- कंडिका 11(11)
- कंडिका 15
इन प्रावधानों के उल्लंघन पर कार्रवाई आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 3/7 के तहत दंडनीय है। अतः खाद्य निरीक्षक ने सभी संबंधित अध्यक्षों, उपाध्यक्षों और सहायक विक्रेताओं के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने का अनुरोध किया था।
थाने में अपराध दर्ज
खाद्य निरीक्षक की शिकायत के आधार पर थाना कोतवाली अम्बिकापुर में मामला पंजीबद्ध किया गया। एफआईआर में बताया गया है कि जांच रिपोर्ट में सामने आई खाद्यान्न की भारी कमी राज्य सरकार की सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के अंतर्गत वितरित होने वाले खाद्यान्न की हेराफेरी का स्पष्ट प्रमाण है।
मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने इसे आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 के अंतर्गत अपराध मानकर जांच प्रारंभ कर दी है।
कैसे हुआ खुलासा
दरअसल, अम्बिकापुर में समय-समय पर कलेक्टर के निर्देश पर खाद्य विभाग द्वारा उचित मूल्य दुकानों की नियमित जांच की जाती है। इसी क्रम में 11 सितंबर 2025 को कलेक्टर (खाद्य शाखा), अम्बिकापुर के आदेश पर खाद्य निरीक्षक शिव कुमार मिश्रा और सहायक खाद्य अधिकारी ने संयुक्त रूप से घुटरापारा स्थित दुकानों का भौतिक सत्यापन किया।
जांच के दौरान दुकानों में वितरित किए गए खाद्यान्न का रिकॉर्ड और गोदाम में वास्तविक स्टॉक में भारी अंतर पाया गया। यह अंतर लाखों रुपये के बराबर था, जिसके बाद पूरे मामले की रिपोर्ट तैयार कर कलेक्टर (खाद्य शाखा) को सौंपी गई।
कलेक्टर कार्यालय की रिपोर्ट से उजागर हुआ घोटाला
कलेक्टर (खाद्य शाखा) से प्राप्त पत्र क्रमांक खाद्य/2025/1489, दिनांक 3 अक्टूबर 2025 के आधार पर यह पूरा मामला थाना कोतवाली को भेजा गया, ताकि संबंधितों के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज किया जा सके।
कलेक्टर कार्यालय ने माना कि यह मामला केवल लापरवाही नहीं बल्कि सुनियोजित गबन प्रतीत होता है, क्योंकि एक ही समिति के माध्यम से संचालित सभी दुकानों में एक जैसी कमी पाई गई।
पुलिस और प्रशासन की अगली कार्रवाई
प्राथमिक सूचना रिपोर्ट दर्ज किए जाने के बाद पुलिस ने सभी संबंधित पदाधिकारियों और कर्मचारियों को जांच में सम्मिलित होने का नोटिस जारी किया है। प्रारंभिक पूछताछ में यह भी जानकारी सामने आ रही है कि उक्त समिति द्वारा संचालित दुकानों में राशन वितरण रजिस्टर और गोदाम के स्टॉक रजिस्टर में हेराफेरी की गई थी।
पुलिस ने मामले की विस्तृत जांच प्रारंभ कर दी है और दस्तावेजी साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं। साथ ही संबंधित खाद्य दुकानों के संचालन की अनुमति भी अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गई है।
जिले में हड़कंप, उच्चाधिकारियों ने मांगी रिपोर्ट
खाद्यान्न घोटाले की खबर सामने आते ही जिले में हड़कंप मच गया है। कलेक्टर विलास भोसकर ने मामले को गंभीर मानते हुए उच्चाधिकारियों को विस्तृत रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं। वहीं, जिला आपूर्ति अधिकारी (DSO) ने कहा कि “किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह समिति का पदाधिकारी हो या कोई कर्मचारी।”






