दुर्लभ: सूरजपुर में आठ पैर, तीन कान और दो कमर वाले मेमने का जन्म ..

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दुर्लभ: सूरजपुर में आठ पैर, तीन कान और दो कमर वाले मेमने का जन्म ..

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सूरजपुर।। खबरी गुल्लक।। भूपेंद्र राजवाड़े 

छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के चांदनी बिहरपुर क्षेत्र के कोल्हूआ आश्रित ग्राम बोकराटोला  में प्रकृति का एक ऐसा चमत्कार देखने को मिला जिसने पूरे इलाके को हैरान कर दिया। गांव के रामकेश शाहू के घर रविवार को उनकी बकरी ने दो बच्चों को जन्म दिया परंतु इनमें से एक बच्चे का जन्म असामान्य संरचना के साथ हुआ, जिसने हर किसी को अचंभित कर दिया।  नवजात बकरी के बच्चे के आठ पैर, तीन कान और दो कमर थे। जन्म के कुछ ही समय में यह असामान्य बच्चा ग्रामीणों की जिज्ञासा का केंद्र बन गया। आसपास के गांवों से लोग बड़ी संख्या में बोकराटोला पहुंचे। रामकेश शाहू का घर मानो कौतूहल का स्थल बन गया, जहां लोग अपने मोबाइल फोन से तस्वीरें और वीडियो बनाकर इस अनोखी घटना को कैद कर रहे थे।  स्थानीय ग्रामीणों में यह घटना चर्चा का प्रमुख विषय बन गई है। कुछ लोग इसे प्रकृति का चमत्कार कह रहे हैं, तो कुछ इसे वैज्ञानिक दृष्टि से एक दुर्लभ जैविक घटना मान रहे हैं।  

 वैज्ञानिकों की नजर में प्राकृतिक रहस्य

स्थानीय पशु चिकित्सक ने बताया कि इस तरह की असामान्यता किसी संक्रमण या बीमारी के कारण नहीं होती। यह एक जैविक विकृति (Biological Anomaly) है जो भ्रूण के विकास के दौरान दो भ्रूणों के पूरी तरह से अलग न हो पाने पर उत्पन्न होती है। वैज्ञानिक भाषा में इसे “Conjoined Twin Malformation” कहा जाता है।  

दुर्लभ होते हैं ऐसे मामले

डॉक्टरों के अनुसार, कोशिकाओं के असमान विभाजन के कारण भ्रूण का यह असामान्य ढांचा बन जाता है। इस तरह के मामले बेहद दुर्लभ होते हैं और अक्सर ऐसे जीव जन्म के बाद लंबे समय तक जीवित नहीं रह पाते।  रामकेश शाहू ने बताया कि उनका परिवार इस घटना को देखकर हक्का-बक्का रह गया। “एक ओर सामान्य बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है, वहीं दूसरी ओर यह असामान्य बच्चा कुछ ही देर जीवित रह सका।  ग्रामीणों के बीच इस घटना ने जीवन और मृत्यु के चक्र, तथा प्रकृति की विलक्षणता पर अनेक विचारों को जन्म दिया है। कई लोग इसे प्रकृति की शक्ति का प्रतीक मान रहे हैं, तो कई इसके पीछे छिपे वैज्ञानिक रहस्यों को समझने की कोशिश कर रहे हैं।  

 शोध का नया विषय

विशेषज्ञों का कहना है कि बोकराटोला की यह घटना अध्ययन और शोध का एक दुर्लभ अवसर है। इस तरह की घटनाएं हमें याद दिलाती हैं कि जीवन हमेशा अनुमान के अनुरूप नहीं चलता, और प्रकृति समय-समय पर अपनी विविधता से हमें चकित कर देती है।  फिलहाल, यह घटना न केवल सूरजपुर जिले बल्कि पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है। जहाँ ग्रामीणों के लिए यह कौतूहल और श्रद्धा का प्रसंग है, वहीं वैज्ञानिकों व शोधकर्ताओं के लिए यह प्राकृतिक विविधता का जीवंत उदाहरण बन गया है।  




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