ADD

जशपुर हत्याकांड में नया मोड़: जिंदा घर लौट आया मृत युवक..! 4 युवकों ने कबूल की थी उसकी हत्या, नए घटनाक्रम से पुलिस हक्का बक्का...,बड़ा सवाल - तो मृतक कौन था..?

0

 

अंबिकापुर/ जशपुरनगर।। खबरी गुल्लक।। 22 दिसंबर 2025

जशपुर जिले के सिटी कोतवाली क्षेत्र के पुराना नगर अंतर्गत तुरीटोंगरी में हुई कथित हत्या का मामला अब रहस्यों की भूलभुलैया बन गया है। 18 अक्टूबर 2025 को जंगल में एक गड्ढे से मिले अधजले शव को ग्राम सिटोंगा निवासी सीमित खाखा का बताकर पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया, चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया,  न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष आरोपियों ने हत्या करना स्वीकार किया था। लेकिन शनिवार रात को जिसे मृत समझा जा रहा सीमित खाखा घर लौट आया। उसे जिंदा देख दो माह से शोक में डूबे परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं।  वहीं पुलिस के लिए यह घटना पहेली बन गई है। 

बताया जा रहा है कि 18 अक्टूबर को तुरीटोंगरी के घने जंगल में ग्रामीणों ने एक गड्ढे में अधजला शव देखा। शव इतना क्षत-विक्षत था कि पहचान मुश्किल थी। पुलिस ने तुरंत कार्यपालिका मजिस्ट्रेट नायब तहसीलदार की मौजूदगी में शिनाख्ती प्रक्रिया शुरू की। सीमित खाखा की मां, पत्नी और भाई ने शव की शिनाख्त कर ली। इसी आधार पर सरकारी रिकॉर्ड में सीमित को मृत घोषित कर दिया गया। सिटी कोतवाली में हत्या का मामला दर्ज हुआ और विवेचना तेज हो गई। पुलिस ने फॉरेंसिक टीम बुलाई, सीन ऑफ क्राइम का रिक्रिएशन कराया। तकनीकी साक्ष्य जुटाए, गवाहों से पूछताछ की और मुखबिर सक्रिय किया। इन प्रयासों से चार आरोपी फरमानंद, रामू, भुनेश्वर और एक अन्य की पहचान हुई। इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। खास बात यह कि आरोपियों ने न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष बीएनएस की धारा 183 के तहत बयान दर्ज कराए, जिसमें हत्या का कबूलनामा दिया। आरोपियों की निशानदेही पर घटना की डमी पुनरावृत्ति की गई और हथियार जब्त किए गए। पुलिस ने इसे पक्का केस मान लिया था।

अचानक घर लौटा मृतक

शनिवार रात को अचानक सीमित खाखा अपने गांव सिटोंगा पहुंच गया। परिजनों ने उसे गले लगाया और तत्काल पुलिस को सूचना दी। पूछताछ में सीमित ने बताया कि वह झारखंड के हजारीबाग जिले में मजदूरी कर रहा था। उसके साथ गांव के कुछ साथी भी गए थे, जो बीच में लौट आए, लेकिन वह वहीं ठहर गया। मोबाइल न रखने के कारण वह परिवार से संपर्क में नहीं था। उसे जरा भी खबर नहीं थी कि उसके नाम पर हत्या का केस चल रहा है। परिजनों का शोक अब हंसी-खुशी में बदल गया है।

पुलिस के सामने अब ये बड़े सवाल

सीमित के जिंदा होने से पूरा मामला शून्य पर आ गया। तुरीटोंगरी में मिला अधजला शव आखिर किसका था? परिजनों की शिनाख्त कैसे गलत हो गई? आरोपियों ने किसकी हत्या कबूल की? क्या यह कोई सुनियोजित साजिश थी या संयोग? यह सवाल जशपुर पुलिस के सामने खड़े हो गए हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शशिमोहन सिंह ने कहा है कि प्रकरण में उस समय उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर विधिसम्मत कार्रवाई की गई थी। अब वास्तविक मृतक की पहचान के लिए विशेष टीम गठित की गई है। सच्चाई सामने लाने के लिए हर पहलू पर गंभीरता से काम होगा।

विशेष जांच टीम का गठन

रहस्य से पर्दा उठाने के लिए पुलिस ने राजपत्रित अधिकारी के नेतृत्व में स्पेशल जांच टीम बनाई है। आसपास के जिलों और राज्यों के लापता व्यक्तियों का रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है। डीएनए जांच, फॉरेंसिक विश्लेषण और अन्य वैज्ञानिक साक्ष्यों पर काम तेज है।  एसपी सिंह ने स्पष्ट किया कि तत्कालीन परिस्थिजन्य साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई नियमों के अनुरूप थी, अब नए सिरे से विवेचना शुरू की जाएगी। 


यह मामला पुलिस की जांच प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े कर रहा है। शिनाख्ती में गलती कैसे हुई? क्या परिजनों ने जल्दबाजी में शिनाख्त की या कोई बाहरी दबाव था? जंगल में शव को जलाने का मकसद क्या था? ये तथ्य सामने आने पर ही स्पष्ट होंगे। जशपुर जिला प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि दोषी को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे कोई भी हो। फिलहाल, सिटोंगा गांव में खुशी का माहौल है, लेकिन पुलिस मुख्यालय में सनसनी बनी हुई है। जांच के हर अपडेट पर नजर रखी जा रही है।



एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)