अंबिकापुर।। 12 दिसंबर 2025।।
सरगुजा जिले की फास्ट ट्रैक स्पेशल POCSO कोर्ट ने एक दिल दहला देने वाली घटना में दो अभियुक्तों को दोषी ठहराते हुए मौत होने तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश श्री कमलेश जगदल्ला की अदालत ने विशेष POCSO एक्ट कोर्ट, अंबिकापुर में विशेष अपराधिक POCSO प्रकरण क्रमांक 61/2022 शासन बनाम रेशमलाल राठिया एवं एक अन्य में यह फैसला सुनाया। अभियुक्त रेशमलाल राठिया उर्फ सोनू (उम्र 22 वर्ष) और उसकी पत्नी सीमा राठिया (उम्र 20 वर्ष), दोनों ग्राम धौराभाठा, बरपाली, थाना धर्मजयगढ़, रायगढ़ जिले के निवासी हैं। घटना 21 मई 2022 की है, जब 16 वर्ष 9 माह की नाबालिग पीड़िता मजदूरी के लिए अंबिकापुर गई थी। विवेचना से पता चला कि उसी दिन वह दोनों अभियुक्तों के साथ काम करने गई। उन्होंने नाबालिग को शराब पिलाई, रेशमलाल ने उसके साथ दुष्कर्म किया और सीमा ने इसमें सहयोग किया। इसके बाद दोनों ने मिलकर पीड़िता की मारपीट की, गला दबाया और हत्या कर दी। अगले दिन 22 मई को बिलासपुर रोड गैरेज के पीछे लक्ष्मीपुर खेत में उसका नग्न शव मिला। शव पर खरोंच, दांतों के निशान, गले पर दुपट्टे के घाव और योनि से रक्तस्राव के स्पष्ट प्रमाण थे। पास में उसके फटे कपड़े, रोजरी, चप्पल आदि बिखरे मिले थे। पुलिस ने मर्ग 70/2022 दर्ज कर जांच शुरू की। पीड़िता की पहचान उसके पिता ने की, बताया कि वह 15 दिन पहले मजदूरी के लिए आई थी। दोनों अभियुक्तों को 25 मई 2022 को गिरफ्तार किया गया था। चार्जशीट में IPC की धारा 302 (हत्या), 376 (दुष्कर्म), 376(क) (गुरुतर अपराध), 34 (साझा इरादा), 114 (उपस्थिति सहायता) और POCSO एक्ट की धारा 5(अ-iv), 5(झ), 6, 16/17 के तहत कार्रवाई की गई थी।
नरमी नहीं बरती जा सकती
कोर्ट ने अपराध की भयावहता पर जोर देते हुए कहा कि नाबालिग के साथ बलात्कार और हत्या जैसा जघन्य कृत्य समाज के लिए खतरा है। अभियुक्तों की उम्र या पारिवारिक पृष्ठभूमि पर नरमी नहीं बरती जा सकती। सजा में समाज को सही संदेश देने की जरूरत बताई।
इन धाराओं के तहत मिली सजा
अभियुक्त रेशमलाल राठिया उर्फ सोनू को 376 IPC के तहत आजीवन प्राकृतिक जीवनावधि, 376(क) IPC आजीवन प्राकृतिक जीवनावधि, 302 IPC आजीवन कारावास POCSO 5(अ-iv), 5(झ) आजीवन प्राकृतिक जीवनावधि व अर्थदंड, उसकी पत्नी सीमा राठिया को 376/114 IPC आजीवन कारावास, 302 IPC आजीवन कारावास, POCSO 16/17 के तहत आजीवन प्राकृतिक जीवनावधि की सजा दी गई।
मुआवजा की अनुशंसा भी की गई
कोर्ट ने DLSA अंबिकापुर को पीड़िता के परिवार को क्षतिपूर्ति योजना 2018 और 2011 के तहत पर्याप्त मुआवजा देने की अनुशंसा की, मामले में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक विद्याभूषण श्रीवास्तव ने की।





