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ब्रेकिंग: इस वजह से उप पंजीयक अधिकारियों का फूटा गुस्सा.. लगाया गंभीर आरोप .. तीन दिन दफ्तर बंद कर करेंगे यह काम.. शासन को होगी राजस्व की क्षति ..

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खबरी गुल्लक। 11 अगस्त।। छत्तीसगढ़ पंजीयन एवं मुद्रांक कार्यपालिक अधिकारी / कर्मचारी कल्याण संघ रायपुर के द्वारा वरिष्ठ उप पंजीयक  मंजूषा मिश्रा,  सुशील देहारी एवं  शशीकांता पात्रे को निलंबित किए जाने के विरोध में आज 12 से 14 अगस्त तक सामूहिक अवकाश ले कार्यालय बंद कर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में संघ के द्वारा महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक छत्तीसगढ नवा रायपुर को ज्ञापन सौंपा गया है। अधिकारी कर्मचारियों के वो विरोध से तीन दिन उपपंजीयक कार्यालय बंद होने से जमीन की रजिस्ट्री, पंजीयन नहीं हो सकेगा। संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र श्रीवास और सचिव शशि पात्रे खुटियारे ने बताया कि आरोप लगाया कि  वरिष्ठ उप पंजीयकों को विभागीय सतर्कता प्रकोष्ठ के प्रतिवेदन के आधार पर मुद्रांक एवं पंजीयन शुल्क के रूप राजस्व हानि के लिए निलंबित किया गया है। इन आदेशों में विधि एवं प्रक्रियाओं का ख्याल नहीं रखते हुए मनमानी की गई। बिंदुवार आरोप लगाया गया कि  सर्तकता प्रकोष्ठ के किस प्रतिवेदन के आधार पर निलंबन की कार्यवाही की गई है, निलंबन आदेशों में उल्लेखित नहीं है। निलंबन से पूर्व संबंधित वरिष्ठ उप पंजीयकों को नोटिस, कारण बताओ नोटिस, आरोप पत्र या अन्य किसी प्रकार सूचना नहीं दी गई है और न ही उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया है, जो कि पूर्णतः नैसर्गिक न्याय सिद्धांत के विपरीत है। यह भी आरोप लगाया गया है कि इन आदेशों में उप पंजीयक के दोष को स्पष्ट ही नहीं किया गया है। आदेश में केवल दस्तावेज कमांक एवं दिनांक का उल्लेख कर, राजस्व हानि पहुंचाने का आक्षेप लगाते हुए निलंबित किया गया है, आदेश में यह भी नहीं बताया गया है कि इन दस्तावेजों में पंजीयन अधिनियम के किन नियमों / प्रावधानों का उल्लंघन किया गया। 

यह भी लगाया आरोप

भारतीय स्टाम्प अधिनियम में कहीं भी उप पंजीयक को मुद्रितांक शुल्क का..... निर्धारण एवं वसूली का अधिकार नहीं है, यह अधिकार जिला पंजीयक / कलेक्टर ऑफ स्टाम्प्स् को है। भारतीय स्टाम्प अधिनियम की धारा-47, भारतीय पंजीयन अधिनियम की धारा 80 क एवं अन्य सुसंगत धाराओं के अनुसार जिला पंजीयक पक्षकारों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज में किसी राजस्व अपवंचन के प्रकरण में भू-राजस्व की भांति स्टाम्प शुल्क एवं पंजीयन शुल्क की वसूली कर सकता है। अधिनियम में वसूली का प्रावधान होने एवं वसूली का दायित्व जिला पंजीयक को होने के बाद भी वरिष्ठ उप पंजीयक को दोषी मानकर कार्यवाही किया जाना पूर्णतः नियम विरूद्ध है। वरिष्ठ उप पंजीयक राजपत्रित अधिकारी होते हैं जिनकी नियुक्ति शासन द्वारा की जाती हैं एवं उनके विरूद्ध कार्यवाही का अधिकार राज्य शासन को है, तथापि विभागाध्यक्ष एवं महानिरीक्षक पंजीयन द्वारा निलंबन की कार्यवाही की गई है, जो कि पूर्णतः विधि विरूद्ध है।

निलंबन हो वापस

अंबिकापुर के उप पंजीयक सिद्धार्थ शंकर मिश्रा ने बताया कि  मनमाने आदेशों के द्वारा अपना पक्ष रखने का अवसर दिये बिना एवं कारण स्पष्ट किये बिना इस प्रकार की कार्यवाही किये जाने से पंजीयन विभाग में कार्यरत् अधिकारी / कर्मचारियों में अत्यंत डर एवं असुरक्षा की भावना निर्मित हो रही है। संघ के सभी सदस्य इस आदेश के विरूद्ध दिनांक 12,13,14 अगस्त 2024 को सांकेतिक रूप से सामूहिक अवकाश पर रहेंगें। निलंबन वापस नहीं होने की स्थिति में संघ और अधिक कठोर प्रतिरोध करने को विवश होगा। कर्मचारियों का निलंबन वापस लिया जाए।



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