
अंबिकापुर। डॉ.शैलेन्द्र गुप्ता जिला नोडल अधिकारी एचआईवी एड्स/एड्स एवं क्षय रोग सरगुजा ने कहा कि आजकल टैटू बनवाने का शौक युवाओं में बढ़ता जा रहा है। इससे भी एचआईवी का संक्रमण हो रहा है। क्षय रोग, यौन जनित रोग एवं नशा से ग्रस्त व्यक्तियों को एचआई वी/संक्रमण का खतरा बना रहता है। राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम एवं तम्बाकू के उपयोग से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दिया गया। साथ ही कोटपा एक्ट के विभिन्न पहलुओं से छात्रों को अवगत कराया गया। नशा त्यागें, ज़िन्दगी नहीं। डॉ शैलेन्द्र गुप्ता शासकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज अम्बिकापुर में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई एवं रेड रिबन क्लब के संयुक्त तत्वावधान् में आयोजित विश्व एड्स दिवस पखवाड़ा 2024 कार्यक्रम को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आधुनिकता की दौड़ में टैटू HIV संक्रमण का कारण बन रहा है, उन्होंने युवाओं को आगाह करते हुए कहा कि सतर्क हो जाएं अन्यथा परिणाम सबके सामने है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्राचार्य आर जे पाण्डेय ने अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा गया कि आज के कार्यक्रम की सार्थकता तब सिद्ध होगी जब हम सभी स्वयं जागरूक बने एवं अपने आस -पास के लोगों को एचआईवी/एड्स, क्षयरोग एवं यौन जनित रोग तथा नशे की लत से दूर रहने के लिए जागरूक करेंगे। कार्यक्रम का सफल का संचालन अमित कुमार बघेल के द्वारा किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में मैकेनिकल विभागाध्यक्ष देवांशु प्रसाद, व्याख्यता कांता तिर्की, संतोष कुमार, कुमार प्रीतम,दीपक सोनी,प्रतीक जायसवाल, पंकज सिन्हा एवं कर्मचारी संजय यादव तथा संदीप मेहर का सराहनीय योगदान रहा।
यह कर देता है रोग प्रतिरोधक क्षमता
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि मंगल पाण्डेय के द्वारा विश्व एड्स दिवस के औचित्य पर प्रकाश डालते हुए एचआईवी/एड्स के सम्बंध में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि एचआईवी/ एड्स एक जानलेवा एवं लाइलाज बिमारी है। एचआईवी/एड्स के संबंध में जागरूकता ही एचआईवी/एड्स से बचाव है। एचआईवी/एड्स का संचरण एचआईवी संक्रमित व्यक्ति से असुरक्षित यौन संबंध बनाने, एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाने,एच आई वी संक्रमित गर्भवती माता से उसके होने वाले संतान को तथा एचआईवी संक्रमित सुई के साझा प्रयोग से। एचआईवी/ एड्स संक्रमण के लक्षण कोई विशिष्ट नहीं होते। एचआईवी मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर बना देता है। अतः कोई भी बिमारी मनुष्य को होता है तो वह ठीक नहीं होता है। एचआईवी/एड्स पीड़ित व्यक्ति का उपचार एकीकृत परामर्श एवं जांच केन्द्र से प्रारम्भ होता है। एचआईवी/एड्स पीड़ित व्यक्ति उपचार एवं जांच निरंतर कराते रहे तो वह अपना जीवन जी सकता है। राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन नई दिल्ली एवं छत्तीसगढ़ राज्य एड्स नियंत्रण समिति के सहयोग से एचआईवी/एड्स के संचरण , नियंत्रण एवं उपचार के लिए योजना संचालित है। एचआईवी/एड्स पीड़ित व्यक्तियों के साथ हम सभी को भेदभाव नहीं करना चाहिए।