बलरामपुर जिला के प्राथमिक शाला सिन्दूर में दर्ज संख्या है 71 पर पद नहीं दर्शाया... प्राथमिक शाला गहनाडाड की दर्ज संख्या है 23 मगर पद दिखा कर दिया पदस्थापना .! .. युक्तियुक्तकरण में लग रहा धांधली का आरोप...

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बलरामपुर जिला के प्राथमिक शाला सिन्दूर में दर्ज संख्या है 71 पर पद नहीं दर्शाया... प्राथमिक शाला गहनाडाड की दर्ज संख्या है 23 मगर पद दिखा कर दिया पदस्थापना .! .. युक्तियुक्तकरण में लग रहा धांधली का आरोप...

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  बलरामपुर।। खबरी गुल्लक।।  22 जून 2025।। 

सहायक शिक्षक, समग्र शिक्षक फेडरेशन के बलरामपुर  जिला प्रवक्ता  प्रभाकर मुखर्जी  ने आरोप लगाया कि शासन की मंशा थी कि प्रदेश में सरकारी स्कूलों में बच्चों को बेहतर शिक्षा सुविधाएं मुहैया कराई जाये । इसलिए युक्तियुक्तकरण के तहत एक ही परिसर में संचालित होने वाले स्कूलों को मर्ज़ करने तथा अतिशेष शिक्षकों को चिह्नित कर शिक्षक विहीन ,एकल शिक्षकीय एवं अधिक दर्ज संख्या वाले विद्यालयों में भेजने का निर्णय प्रदेश सरकार ने लिया । लेकिन धरातल पर परिणाम शून्य रहा । सरकार की मंशा अनुरूप अधिकारियों द्वारा कार्य न करने के कारण दर्जनों स्कूल एकल शिक्षकीय रहा गया । जहाँ शिक्षकों की आवश्यकता थी वहाँ शिक्षक नहीं मिल पाया । दूसरी ओर किसी स्कूल में 4-4 शिक्षक पदस्थ कर दिया गया तो कहीं अतिशेष शिक्षकों का नाम सूची में ग़ायब कर दिया गया ।इस कारण से एकल शिक्षकीय स्कूल में बच्चे का नाम कटवा कर निजी स्कूलों में दाख़िला दिलाने के लिए अभिभावक मजबूर हैं । उन्होंने कहा कि स्वाभाविक बात हैं कि एकल शिक्षक के भरोसे स्कूल सुचारू संचालित होना असंभव बात हैं ।ऐसे में बच्चों का दाख़िला अन्यत्र करने के बजाए कोई चारा नहीं हैं । वहीं शिक्षक भयभीत हैं कि भविष्य में उन्हें अतिशेष शिक्षक न होना पड़े ।दर्ज संख्या कम होने की वजह से स्कूल बंद न हो जाए । इसलिए शिक्षक अभिभावकों से बच्चों की दाख़िला करवाने के लिए विनती करते नज़र आ रहे हैं । शिक्षकों के अनुनय- विनय का कोई परिणाम नहीं नज़र आ रहा हैं । किसी भी क़ीमत में एकल शिक्षकीय विद्यालय में बच्चों की पढ़ाई करवाने लिये अभिभावक तैयार नहीं हैं । ज़ाहिर सी बात हैं कि आगे चलकर ऐसे कम दर्ज संख्या वाले स्कूलें बंद हो जाएगी । यही कारण हैं कि घनी जनसंख्या वाले क्षेत्रों में स्थित बहुत स्कूलों को बंद कर दिया गया हैं । जिसका एक मात्र कारण वर्षों से एक शिक्षक के भरोसे स्कूल संचालित होना था ।भविष्य में इस प्रकार की स्थिति आना स्वाभाविक हैं ।

    सहायक शिक्षक, समग्र शिक्षक फेडरेशन के जिला प्रवक्ता  प्रभाकर मुखर्जी  ने आरोप लगाया कि एक ओर शासन की युक्तियुक्त नीति से शिक्षकों में असंतोष व्याप्त है । उन्होंने युक्तियुक्तकरण नीति 2020 की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि 2008 नीति को लागू करने की बात कर रही हैं । दूसरी ओर अधिकारियों की मनमानी, भ्रष्टाचार, भाई - भतीजा और दमनकारी नीति से परेशान हैं । कुछ शिक्षक क्षुब्ध होकर उच्च न्यायालय के शरण में चले गए हैं ।किसी- किसी को स्थागन आदेश मिल गया है ,तो  किसी को मिलना शेष है । न्यायालय में याचिका की सुनवाई निरंतर चल रहा हैं । उन्होंने आरोप लगाया कि मगर तानाशाही अधिकारी नवीन पदस्थ शाला में जबरन पदस्थ करने के लिए बर्खास्त करने की धमकी दे रहे हैं ।  उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार राज्य शासन ने आदेश जारी कर कलेक्टर की अध्यक्षता गठित जिला स्तरीय युक्तियुक्तकरण समिति को समस्या के संबंध अभ्यावेदन सैकड़ों शिक्षकों से लिया गया था, लेकिन आज तक एक भी अभ्यावेदन पर सुनवाई नहीं हुई । शिक्षकों की पीड़ा फ़ाइलों में दब कर रहा गया ।  विकास खंड शिक्षा अधिकारियों के अनैतिक कृत्य के संबंध प्रत्यक्ष प्रमाण के साथ  शिक्षकों द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई । लेकिन बदले में उन्हें सिर्फ़ धिक्कार और फटकार ही मिल रहा है। ऐसे शिक्षकों को देख लेने की धमकी दी जा रही हैं । शिक्षकों में सबसे अधिक नाराज़गी चहते को अतिशेष शिक्षकों की सूची से दूर रखने तथा सभी रिक्त पद शालाओं की सूची प्रदर्शित न करने के कारण हैं । जबकि युक्तियुक्तकरण नियमावली में सभी रिक्त पद दर्शित करने का उल्लेख है ।  प्राथमिक शाला सिन्दूर में दर्ज संख्या 71 है । पद नहीं दर्शाया गया वहीं प्राथमिक शाला गहनाडाड की दर्ज संख्या 23 हैं । पद दिखा कर पदस्थापना कर दिया । प्राथमिक शाला सिन्दूर एकल शिक्षकीय रह गया है।  विकास खंड शिक्षा अधिकारियों द्वारा घोर लापरवाही की गई । परन्तु अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई ।

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