जबलपुर।। खबरी गुल्लक।। (अभिषेक वर्मा)
जबलपुर। मध्यप्रदेश की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों में गिने जाने वाले जबलपुर का पंचानन महादेव बादशाह हलुआई मंदिर अब अपने अस्तित्व के लिए जूझ रहा है। पुरातत्व विभाग के द्वारा 17 वीं सदी की यह मंदिर होने की जानकारी पट्टिका में दी गई है,जबकि पुजारी का दावा है कि यह मन्दिर 11वीं शताब्दी की है। यह प्राचीन मंदिर आस्था और स्थापत्य कला का अनमोल केंद्र है, लेकिन अवैध कब्जों और प्रशासनिक लापरवाही के कारण इसकी दीवारें दरकने लगी हैं।
आस्था और इतिहास का संगम
छोटी पहाड़ी पर स्थित इस मंदिर में भगवान शिव के साथ दसों दिशाओं के देवता, प्रमुख नदियों की प्रतिमाएँ, नवग्रह, भगवान विष्णु और गणेश जी की अद्भुत मूर्तियाँ विद्यमान हैं।
इतिहासकार डॉ. सुरेश दुबे बताते हैं – “यह सिर्फ मंदिर नहीं बल्कि 11वीं शताब्दी की कला और संस्कृति का जीता-जागता दस्तावेज़ है। यदि संरक्षण नहीं किया गया तो आने वाली पीढ़ियाँ इस धरोहर से वंचित रह जाएँगी।”
अवैध कब्जों से मंदिर संकट में
मंदिर के नीचे लगातार बढ़ रहे अवैध निर्माण और कब्जों से इसकी दीवारें कमजोर हो रही हैं। मंदिर के पुजारी धर्मेंद्र दुबे ने कहा कि बार बार ध्यानाकर्षण कराए जाने के बाद भी शासन और प्रशासन इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा है। मंदिर की दीवारें क्रेक होने के साथ गिर रही हैं। इस प्राचीन धरोहर को सहेजने, मरम्मत और संरक्षण की आवश्यकता है। जो हिस्सा कभी मंदिर का था वह कब्जे की भेंट चढ़ता जा रहा है।
स्थानीय निवासी राकेश तिवारी का कहना है – “हर साल पहाड़ी के नीचे नए मकान और दुकानें बन रही हैं। प्रशासन आँखें मूँदे बैठा है। मंदिर की हालत दिन-ब-दिन बिगड़ रही है।”
👉 श्रद्धालुओं की पीड़ा
मंदिर में दर्शन करने पहुँचीं सुमित्रा देवी ने कहा – “हम वर्षों से यहाँ पूजा करते हैं। अब टूटती दीवारें देखकर दिल दुखता है। सरकार को तुरंत ध्यान देना चाहिए।”
नागरिकों में आक्रोश
शहर के सामाजिक संगठनों और नागरिकों ने प्रशासन से अविलंब कार्रवाई की माँग की है। उनका कहना है कि यह केवल आस्था का विषय नहीं बल्कि हमारी सांस्कृतिक पहचान और ऐतिहासिक धरोहर का मामला है।
इस ओर ध्यान जरूरी
- “पंचानन महादेव मंदिर – टूटी दीवारें और दरकती नींव, खतरे का संकेत।”
- “मंदिर परिसर में मौजूद अद्भुत प्रतिमाएँ, जिन्हें संरक्षण की दरकार।”
- “मंदिर की पहाड़ी के नीचे फैलते अवैध निर्माण।”








