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अम्बिकापुर में श्री सत्य साईं बाबा की 100वीं जयंती शताब्दी समारोह धूमधाम से मनाया गया.. वनवासी कल्याण आश्रम में वेदपाठ, भजन, सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ 100 दीपों से हुआ महाआरती..

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अम्बिकापुर।। खबरी गुल्लक ।।

विख्यात आध्यात्मिक गुरु, मानवतावादी और समाजसेवी श्री सत्य साईं बाबा की 100वीं जयंती के उपलक्ष्य में अम्बिकापुर स्थित वनवासी कल्याण आश्रम परिसर में भव्य उत्सव का आयोजन किया गया। इस अवसर पर श्रद्धा, भक्ति और हर्षोल्लास का वातावरण व्याप्त रहा।  

कार्यक्रम की शुरुआत सामूहिक वेदपाठ से हुई, जिसके पश्चात भक्तों ने भजन और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से श्री साईं बाबा के उपदेशों को स्मरण किया। बच्चों द्वारा नृत्य, गायन और भजन की आकर्षक प्रस्तुतियाँ दी गईं। अंत में 100 दीपों से भव्य महामंगल आरती की गई और बाबा के 100वें जन्मदिवस पर केक काटा गया। इसके बाद सभी श्रद्धालुओं को भोजन प्रसाद (भंडारा) वितरित किया गया।  


इस अवसर पर श्री सत्य साईं सेवा समिति के अध्यक्ष जयेश वर्मा ने बताया कि भगवान श्री सत्य साईं बाबा का जन्म 23 नवम्बर 1926 को आंध्र प्रदेश के पुट्टपर्ती ग्राम में हुआ था। उन्होंने अपने जीवनकाल में समग्र मानवता को “मानव सेवा ही माधव सेवा है” का संदेश दिया और समाज में प्रेम, एकता व सेवा की भावना को स्थापित किया।  कार्यक्रम के संरक्षक संजीव गणेशपुरकर ने श्रद्धालुओं का स्वागत करते हुए आयोजन के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। के.डी. दुबे ने सत्य साईं बाबा द्वारा स्थापित नि: शुल्क हृदय रोग अस्पतालों और अन्य सेवा संस्थाओं की जानकारी दी। आश्रम के सदस्य अमन सिंह ने आदिवासी समुदाय के बच्चों की भागीदारी की सराहना करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।  संचालक रश्मि सैनी ने बताया कि इस वर्ष विश्व के 142 देशों में श्री सत्य साईं बाबा की जन्मशताब्दी समारोह मनाया जा रहा है। बाबा के जन्मस्थान पुट्टपर्ती में भी भव्य आयोजन हुआ, जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश-विदेश की अनेक हस्तियाँ शामिल हुईं।  स्थानीय आयोजन को सफल बनाने में सत्य साईं सेवा समिति अंबिकापुर और वनवासी कल्याण आश्रम के अनेक पदाधिकारियों और सदस्यों ने योगदान दिया, जिनमें डॉ. व्ही.के. वर्मा, संजीव गणेशपुरकर, के.डी. दुबे, विजय सालुंके, प्रदीप श्रीवास्तव, रश्मि सैनी, जयेश वर्मा, विवेक प्रताप सिंह रिंकू, डॉ. प्रवीण दुबे, अमन सिंह, बलवंत साय सहित अन्य सदस्यों का प्रमुख सहयोग रहा।  



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