अंबिकापुर।। खबरी गुल्लक।।
मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरिक्षण को लेकर जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय राजीव भवन में सोमवार 3 नवंबर को विशेष प्रशिक्षण कार्याशाला का आयोजन किया गया। इसमें सरगुजा जिले के सभी वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के साथ ही साथ सांगठनिक ब्लॉक अध्यक्ष एवं वहां नवगठित मंडलों के अध्यक्षों सहित कांग्रेस के मोर्चा, विभाग एवं प्रकोष्ठ के अध्यक्षों को विशेष गहन पुनरिक्षण की प्रक्रिया को समझाते हुए उन्हें प्रशिक्षित किया गया। पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव की अध्यक्षता में आयोजित हुए इस प्रशिक्षण सत्र में एसआईआर के प्रत्येक पहलुओं को सूक्ष्मता से समझाते हुए पार्टी के नेताओं और कार्यकार्ताओं को प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षणसत्र को संबोधित करते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि चुनाव आयोग ने इस एसआईआर की प्रक्रिया में मतदाताओं पर यह बोझ डाल दिया है कि वो खुद को वैध मतदाता साबित करें, यह बात इस देश के मतदाताओं का अनादर करने के साथ ही साथ उनके साथ अन्यायपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पूर्व में देश में 8 बार मतदाता सूचियों का विशेष पुनरिक्षण हुआ, किंतु कभी भी मतदाता पर यह भार नहीं होता था कि वो खुद को वैध साबित करे। यदि किसी मतदाता को लेकर कोई आपत्ती आती थी तो चुनाव आयोग उसकी जांच कर उस मतदाता की वैधता और अवैधता पर विचार करता था। लेकिन इस एस0आई0आर0 की प्रक्रिया में मतदाताओं पर ही बोझ डाल दिया गया है। उन्होंने मतदाताओं से यह अपील की है कि गणना प्रपत्र के साथ जमा किये जा रहे दस्तावेजों का विवरण गणना प्रपत्र में दर्ज कर उसकी पावती प्राप्त करें। उन्होंने कांग्रेस के सभी वरिष्ठ कनिष्ठ पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं को और विशेषतौर पर बीएलए को आम मतदाताओं के मदद के लिये तत्पर और तैयार रहने का निर्देश भी दिया।
प्रशिक्षण सत्र की शुरुआत करते हएु कांग्रेस जिलाध्यक्ष बालकृष्ण पाठक ने कहा कि कांग्रेस ने सरगुजा जिले के 787 मतदान केन्द्रो में शतप्रतिशत पार्टी के बूथ लेवल एजेंट की नियुक्ती कर दी है। प्रशिक्षण में मौजूद ब्लॉक कांग्रेस कमेटी और मण्डल अध्यक्षों को उन्होंने निर्देशित किया कि बूथ लेवल एजेंट को जनहित में एसआईआर की प्रक्रिया में पूर्ण सक्रियता के साथ मतदाताओं की सहायता करने को तत्पर और तैयार रहना है। एसआईआर की पूरी प्रक्रिया को समझाते हुए कांग्रेस प्रवक्ता अनूप मेहता ने बताया कि वर्ष 2003 के विशेष पुनरिक्षण में तैयार मतदाता सूचि में अगर किसी मतदाता का या उसके माता-पिता का नाम है तो उसे किसी और दस्तावेज को गणना प्रपत्र के साथ देने की आवश्यकता नहीं है। ऐसे में 2003 में दर्ज नाम का एक्सट्रैक्ट निकाल कर उसे गणना प्रपत्र के साथ संलग्न करना ही पर्याप्त रहेगा। निर्वाचन विभाग नेे बीएलओ इसके लिये मतदाताओं की सहायता करने के लिये निर्देश दिये हैं। निर्वाचन विभाग के साथ हुई बैठक का हवाला देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता अनूप मेहता ने प्रशिक्षण में जानकारी दी कि लगभग 70 प्रतिशत मतदाताओं का ऐसा रिकार्ड गणना प्रपत्र के साथ संलग्न करना उचित रहेगा। कांग्रेस प्रवक्ता ने यह भी जानकारी दी कि जिस मतदाता का जन्म 1 जुलाई 1987 के पूर्व हुआ है और अगर उसका नाम 2003 की मतदाता सूचि में नहीं है तो उसे स्वयं के जन्म एवं निवास से संबंधित दस्तावेज देना होगा। जिनका जन्म 1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के मध्य हुआ है उन्हें स्वयं के साथ ही साथ उनके माता या पिता में से किसी एक का जन्म और निवास से संबंधित दस्तावेज देना होगा। जिन मतदाताओं का जन्म 2 दिसंबर 2004 केे बाद हुआ है उन्हें अपने साथ ही साथ अपने माता और पिता दोनो के जन्म एवं निवास से संबंधित दस्तावेज देने होंगे। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि 4 नवंबर से 4 दिसंबर के मध्य बीएलओ घर-घर जाकर मतदाताओं को 2 प्रति में गणना प्रपत्र उपलब्ध कराएंगे और भरे हुए गणना प्रपत्र और दस्तावेजों को भी वो घर घर जाकर एकत्र करेंगे। अगर किसी कारणवश कोई मतदाता इस अवधि में गणना प्रपत्र प्रस्तुत नहीं कर पाता है तो वह 8 नवंबर से 7 नवंबर के दावा आपत्ती की अवधि में फार्म 6 और उसका घोषणापत्र भरकर अंतिम मतदाता सूचि में अपना नाम जुडवा सकता है






