अम्बिकापुर।। खबरी गुल्लक।। 16 दिसंबर 2025।
छत्तीसगढ़ बिजली कर्मचारी संघ महासंघ ने कर्मचारियों के हितों की अनदेखी करने और लिखित आश्वासनों पर अमल न करने के विरोध में अम्बिकापुर क्षेत्रीय मुख्यालय में चेयरमैन विद्युत कंपनी को ज्ञापन सौंपा। संगठन ने सोलर रूफटॉप प्लांट लगाने के एकतरफा आदेश और बिजली बिल में 50 प्रतिशत छूट बंद करने के फैसले को तुगलकी फरमान करार देते हुए कड़ा विरोध जताया। महासंघ ने बताया कि 9 अक्टूबर को विद्युत कंपनी मुख्यालय रायपुर के समक्ष एकदिवसीय विशाल आमसभा और धरना प्रदर्शन किया गया था। इसके बाद 10 से 17 अक्टूबर तक क्रमिक धरना आयोजित हुए। इन आंदोलनों के दौरान प्रबंधन के साथ द्विपक्षीय वार्ता में दो प्रमुख मांगों पर सहमति बनी थी। पहली, 2004 के बाद नियुक्त कर्मचारियों-अधिकारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना की बहाली। दूसरी, संविदा कर्मचारियों को सम्मानजनक वेतन वृद्धि। प्रबंधन ने इन पर लिखित आश्वासन भी दिया था। लेकिन दो माह से अधिक समय गुजरने के बावजूद कोई आदेश जारी नहीं हुआ। इसी बीच विद्युत कंपनी प्रबंधन ने पीएम सूर्यघर योजना के तहत सभी नियमित व सेवानिवृत्त कर्मचारियों,अधिकारियों के आवासीय परिसरों में सोलर रूफटॉप प्लांट लगाने का एकतरफा आदेश जारी कर दिया। प्लांट न लगाने पर अविभाजित मध्यप्रदेश काल से मिल रही 50 प्रतिशत बिजली बिल छूट को भी बंद कर दिया गया। महासंघ ने इसे कर्मचारी हितों पर कुठाराघात और वादाखिलाफी बताया। आंदोलन के प्रथम चरण में 15 दिसंबर 2025 को सभी क्षेत्रीय मुख्यालयों में कार्यपालक निदेशक मुख्य अभियंता को चेयरमैन के नाम ज्ञापन सौंपे गए। अम्बिकापुर क्षेत्रीय मुख्यालय में अतिरिक्त मुख्य अभियंता आवेदन कुजूर को ज्ञापन दिया गया। इस अवसर पर महासंघ के प्रांतीय पदाधिकारी विमलेंद्र साहू, अम्बिकापुर रीजन के क्षेत्रीय अध्यक्ष विनोद कुमार शुक्ला, क्षेत्रीय सचिव प्रभारी रायगढ़ अभिषेक कुमार बोहिदार, राजेंद्र प्रसाद पटेल, संजू कुमार कर, सचिन देव टोप्पो, अजय तिवारी, योगेंद्र राजवाड़े, सूरज दास, सत्यप्रकाश कुजूर, संजीवन बरवा, धनुकधारी मिंज, शालू बिसवाल, विरेंद्र साहू, चंद्रकांत जयसवाल और भारी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे। महासंघ ने चेतावनी दी है कि 30 दिसंबर 2025 तक सकारात्मक आदेश न जारी होने पर द्वितीय चरण में 1 से 8 जनवरी 2026 तक 'वर्क टू रूल' (नियमों के अनुसार काम) किया जाएगा। तृतीय चरण में 11 फरवरी 2026 से अनिश्चितकालीन कामबंद हड़ताल होगी। संगठन का कहना है कि यह आंदोलन कर्मचारियों के हक के लिए निर्णायक होगा।





