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सरगुजा की संस्कृति, सभ्यता और पर्यावरण को बचाने के लिए राजनीतिक हितों से ऊपर उठकर सामूहिक पहल जरूरी- आदित्येश्वर शरण सिंहदेव, पुलिस के साथ हुए संघर्ष में घायल ग्रामीणों का हुआ उपचार

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 अंबिकापुर।। खबरी गुल्लक।। 13 दिसंबर 2025।।

छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के लखनपुर विकासखंड में 3 दिसंबर 2025 को अमेरा खुली खदान के भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई के बीच ग्रामीणों और पुलिस के बीच हुए संघर्ष में घायल हुए कई ग्रामीणों का ईलाज ग्राम परसोडी कला में संजीवनी अस्पताल अम्बिकापुर के 7 सदस्यीय चिकित्सा दल ने कैम्प लगाकर किया। संघर्ष में आहत 5 ग्रामीणों को फैक्चर की संभावना देखते हुए उन्हें एक्स रे की सलाह देते हुए अस्पताल बुलाया गया है।  आखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य  आदित्येश्वर शरण सिंहदेव ने 12 दिसंबर को परसोडी कला का दौरा किया था। इस दौरान ग्रामीणों से चर्चा में यह जानकारी मिली थी कि संघर्ष के बाद प्रशासन ने उन्हें पर्याप्त इलाज उपलब्ध नहीं कराया था। संघर्ष में कुछ ग्रामीणों के सर पर चोट लगी थी, जिन्हें प्राथमिक इलाज के पश्चात अपने हाल पर छोड़ दिया। शेष आहत ग्रामीणों को कोई इलाज मुहैया नहीं कराया गया था। इसपर श्री आदित्येश्वर शरण सिंहदेव ने संजीवनी अस्पताल के संचालक और पूर्व महापौर डॉ अजय तिर्की से मेडिकल सहायता का अनुरोध किया था। डॉ अजय तिर्की ने जानकारी दी कि कुल 43 ग्रामीणों का ईलाज किया गया है। कुछ में फैक्चर की संभावना देखते हुए उन्हें अस्पताल बुलाया गया है। उन्होंने जानकारी दी कि जिन ग्रामीणों के सिर पर चोट आयी थी उन्हें छोड़ अन्य किसी भी व्यक्ति को प्रारंभिक चिकित्सा उपलब्ध नहीं कराई गई। कई ग्रामीण व्यक्तिगत प्रयास से स्थानीय रूप से इलाज करवा रहे थे।संजीवनी अस्पताल के द्वारा भेजे गए मेडिकल टीम में आपातकालीन चिकित्सक डॉ ऋषभ, डॉ इकबाल, ड्रेसर अनिल कश्यप, नर्स सिस्टर निशा एवं मोनिका एवं अन्य मेडिकल स्टॉफ श्री लक्ष्मी एवं श्री लालजी शामिल थे। आदित्येश्वर शरण सिंहदेव ने कहा कि सरगुजा की संस्कृति, सभ्यता और पर्यावरण को बचाने के लिए राजनीतिक हितों से ऊपर उठकर सामूहिक पहल जरूरी  है।

शुक्रवार को परसोडी कला के ग्रामीणों से मुलाकात के बाद श्री आदित्येश्वर शरण सिंहदेव ने कहा था कि संघर्ष की घटना असंवेदनशील थी। प्रशासन को इससे बचना चाहिए था। उन्हें उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए ग्रामीणों का सहयोग लेना था। उन्होंने इस बात पर दुःख व्यक्त किया कि घटना में दोनों पक्षों को चोट आयी। ग्रामीणों के अपर्याप्त इलाज पर उन्होंने चिंता जताते हुए उन्हें ईलाज का आश्वासन दिया था। उनकी पहल पर आज ग्रामीणों को इलाज मुहैया हुआ। उन्होंने परसोढि कला के ग्रामीणों को आश्वासन दिया है कि उन्हें कानूनी सहायता उपलब्ध कराने की दिशा में प्रयास हो रहे हैं। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि विकास के लिए माइनिंग जरूरी है, लेकिन रामगढ़, परसोढि कला, मैनपाट में हो रहे खनन से सरगुजा की संस्कृति, सभ्यता और पर्यावरण को गंभीर खतरा है। यह बात दलीय विचारधारा से ऊपर की है। उन्होंने सरगुजा को बचाने की पहल के लिए सभी दालों को साथ आकर प्रयास करने की अपील की है।


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