महारानी दुर्गावती चंदेलों की बेटी थी, रणचंडी थी, वह दुर्गावती भवानी थी - निरूपा सिंह, अंबिकापुर में धूमधाम से मनाया गया जयंती

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महारानी दुर्गावती चंदेलों की बेटी थी, रणचंडी थी, वह दुर्गावती भवानी थी - निरूपा सिंह, अंबिकापुर में धूमधाम से मनाया गया जयंती

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 अंबिकापुर।। खबरी गुल्लक।।

 जनजाति गौरव युवा समाज सरगुजा द्वारा वीरांगना महारानी दुर्गावती जयंती अंबिकापुर के  मुंडा भवन, दर्रीपारा  में धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के  जिला पंचायत अध्यक्ष निरूपा सिंह, विशिष्ट अतिथि  मंजूषा भगत महापौर ,  मुख्य वक्ता इंदर भगत प्रदेश अध्यक्ष जनजाति गौरव युवा समाज छत्तीसगढ़ उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि निरूपा सिंह ने कहा कि महारानी दुर्गावती, चंदेलों की बेटी थी, गोंडवाने की रानी थी, चंडी थी रणचंडी थी, वह दुर्गावती भवानी थी। उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई में जनजातियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। चाहें बिरसा मुंडा हों, या गुंडाधुर हों, वीरनारायण सिंह हो इन सब बलिदानी महापुरुषों के बलिदान से देश स्वाधीन हुआ। साथ ही इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि महापौर मंजूषा भगत ने कहा कि हमारे देश की परंपरा नारियों के सम्मान की है। शास्त्रों में कहा गया है कि यत्र नार्यस्तु पूज्यंते, रमन्ते तत्र देवताः। गढ़ मंडला की महान वीरांगना का जन्म दुर्गाष्टमी में होने के कारण उनका नाम दुर्गावती रखा गया, उनमें साक्षात दुर्गा जैसे गुण विद्यमान रहे और मुगलों से सतत संघर्ष करके गोंड साम्राज्य की रक्षा की। 

जनजाति गौरव युवा समाज छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष इंदर भगत  ने कहा महारानी दुर्गावती के जीवन और उनके योगदान को याद करते हुए कहा कि वे गोंडवाना राज्य की महारानी थीं जिन्होंने मुगलों के खिलाफ बहादुरी से युद्ध किया और अपने राज्य की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया । उन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी, और उनके इस बलिदान को आज भी याद किया जाता है महारानी दुर्गावती जनजातीय गौरव का प्रतीक हैं। उनका देश प्रेम और संघर्ष हम सबको प्रेरणा से भर देता है।  महारानी दुर्गावती जयंती समारोह में समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों की उपस्थिति ने इस आयोजन को एक नए स्तर पर पहुंचाया। इस अवसर पर लोगों ने महारानी दुर्गावती के जीवन और उनके कार्यों को याद करते हुए उनके आदर्शों को अपनाने का संकल्प लिया।

इस अवसर पर समारोह को मुंडा समाज के अध्यक्ष देवरतन मुंडा, हीरा सिंह टेकाम, सुरेश मुंडा, रमेश मुंडा, जनजाति गौरव युवा समाज सरगुजा जिला उपाध्यक्ष सचिन भगत, सोनिया मुंडा आदि ने भी संबोधित किया। समारोह का संचालन सचिव रामबिहारी सिंह पैकरा एवं आभार प्रदर्शन सोनिया मुंडा ने किया। समारोह में  पार्षद सालेम केरकेट्टा, डॉ गौकरण प्रताप सिंह, भड़ू राम, सोनू मुंडा, संदीप भगत, अर्जुन मुंडा, रामप्रताप मुंडा, यदुवंश केरकेट्टा, विकाश भगत, ननकु मुंडा, स्मिता मुंडा, बिंदु मुंडा, देव कुमार भगत, शुभम पैकरा, आकाश पैकरा, अमरनाथ, अरविंद मुंडा, अंगद मुंडा, अनिल मुंडा, केबेर पाल, मुकुंद मुंडा, अनिल मुंडा, राजनाथ मुंडा, पिंकी मुंडा, आशीष मुंडा, शकुंतला मुंडा, करिश्मा मुंडा, सुजाता मुंडा, सविता मुंडा, सिंधिया मुंडा, कृपा मुंडा, चिंतामणि मुंडा, सुनीता मुंडा, स्मिता मुंडा, प्रभा मुंडा, विकास मुंडा, आनंद लाल मुंडा, भारती मुंडा, शिमला मुंडा, कुंती मुंडा, प्रभा मुंडा, कोमल मुंडा, सरगम मुंडा, प्रीति मुंडा, आदित्य मुंडा, गौरव नागवंशी, दीपक केरकेट्टा, सुभाष लकड़ा, रोहित मुंडा, बिंदिया, कुलदीप कुंडा, कशिश मुंडा, शैलेंद्र मुंडा, गुलाबी मुंडा, शिवानी मुंडा, रितु मुंडा और जनजातीय युवा बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।


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